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मालेगांव ब्लास्ट केसः SC पहुंचे पीड़ित, कहा- केस की सुनवाई करने वाले जज का बढ़े कार्यकाल

मुंबई के अतिरिक्त सेशन जज वीएस पडलकर कल शनिवार (29 फरवरी) को रिटायर हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि मालेगांव बम धमाका मामले में आरोप तय किए जा चुके हैं और 140 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. ऐसे में जज पडलकर के रिटायर होने पर दूसरे जज मामले की सुनवाई करेंगे, तो इसमें देरी होगी.

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

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  • कल रिटायर हो रहे हैं मुंबई कोर्ट के जज VS पडलकर
  • मालेगांव ब्लास्ट केस- BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर आरोपी

मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई कर रहे मुंबई के अतिरिक्त सेशन जज वीएस पडलकर के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की गई है. इसके लिए मालेगांव बम धमाके में मरने वाले लोगों के परिजनों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

पीड़ित परिजनों का कहना है कि मालेगांव मामले के ट्रायल के नतीजे को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सेशन जज वीएस पडलकर का कार्यकाल बढ़ाया जाए. जज पडलकर कल शनिवार को 29 फरवरी को रिटायर होने वाले हैं.

जज पडलकर के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोप तय किए जा चुके हैं और 140 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. इस याचिका में यह भी कहा गया कि जज पडलकर के रिटायर होने पर दूसरे जज मामले की सुनवाई करेंगे, तो इसमें देरी होगी.

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पिछले साल मिली जमानत

आपको बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट केस में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर आरोपी हैं.

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पिछले साल जून में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट केस में चार आरोपियों को गिरफ्तारी के करीब 7 साल बाद जमानत दे दी थी, जिनमें लोकेश शर्मा, मनोहर नावरिया, राजेंद्र चौधरी और धन सिंह शामिल हैं. ये सभी 2013 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे.

जस्टिस आईए महंती और जस्टिस एएम बदर की बेंच ने उन्हें 50 हजार रुपये के भुगतान के बाद जमानत दी थी.

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