दिल्ली से सटे नोएडा के कासना में अपहरण के एक केस की जांच कर रही पुलिस तब हैरत में पड़ गई, जब किडनैप व्यक्ति खुद साजिशकर्ता निकला. पुलिस ने न सिर्फ अपने अपहरण की साजिश रचने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, बल्कि अब उसी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.
दरअसल कासना थाना क्षेत्र के गामा-2 सेक्टर का रहने वाला उदयराज रियल एस्टेट का कारोबारी था, लेकिन जीएसटी और नोटबंदी के चलते भारी कर्ज में दब गया था. कर्जदारों के चंगुल से बचने के लिए उसने खुद अपने अपहरण की साजिश रच डाली और घर छोड़कर भाग गया.
इतना ही नहीं उदयराज के कहने पर उसके बेटे आदित्य कुमार ने अपने पिता के अपहरण की शिकायत दर्ज कराते हुए उसे कर्ज देने वालों को ही अभियुक्त बना दिया. पुलिस के मुताबिक, उदयराज पर 60 लाख रुपये का कर्ज है.
लेकिन रविवार को पुलिस ने जब अपहृत को खोज निकाला तो पूरी कहानी ही बदल गई. जो सच्चाई सामने आई उसे जानकर पुलिस स्तब्ध रह गई. दरसअल 9 मार्च को आदित्य ने कासना थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पिता का अपहरण कर लिया गया है.
आदित्य ने बताया कि उसके पिता बैंक में 3.85 लाख रुपये जमा करने गए थे, तभी उनका अपहरण कर लिया गया. इसमें जारचा थाना क्षेत्र के छोलस गांव निवासी अब्बास, मुजब्बिर और राजा नाम के व्यक्तियों को नामजद कराया गया था.
नोएडा के DIG लव कुमार ने बताया कि रिपोर्ट लिखने के बाद कासना थाने के प्रभारी बृजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम ने घटना की जांच शुरू की. और आखिरकार सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उदयराज को हौंडा चौक के कासना पुलिया से बरामद कर लिया.
उदयराज के पास से 2.90 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, उदयराज प्रॉपर्टी का काम करता है. नोटबंदी और जीएसटी के बाद उसका काम बिलकुल ठप हो गया. कारोबार न चलने से वह कर्ज में डूब गया. उस पर 60 लाख रुपये का कर्ज हो गया.
काम न होने से वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत परेशान रहता था. उदयराज ने बताया की घर छोड़ने के बाद वह डेयरी के धंधे की संभावनाएं तलाशने के लिए कई जगह गया, जिससे वह कमाई कर कर्ज चुका सके.
लव कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान उदयराज ने बताया उस पर 60 लाख रुपये का कर्ज है, जिससे वह काफी परेशान रहता था. बीती 5 मार्च को उसने अपनी पत्नी के लिए एक पत्र लिखकर घर छोड़ दिया था.
पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि उदयराज को अब्बास, मुजब्बिर और राजा ने ही कर्ज दिया था, इसलिए अपहरण की झूठी घटना में उन्हें नामजद कराया गया था, जिससे उन्हें कर्ज से मुक्ति मिल सके.
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि उदयराज ने जो पत्र अपनी पत्नी को दिया था, उसमें क्या लिखा था और उस पत्र के बारे में परिवार वालों ने पुलिस को जानकारी क्यों नहीं दी. उन्होंने कहा कि जांच में अगर किसी आपराधिक षड्यंत्र की बात सामने आई तो उदयराज और उनके परिवार वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.