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पत्थरदिल दिल्ली! घायल युवक को मदद के नाम पर दो बार लूटा

ये दिल्ली इतनी बेरहम क्यों हो गई है. एक बार फिर पत्थरदिल दिल्ली का बेरहम चेहरा सामने आया है. एक्सीडेंट में घायल हुआ युवक 13 घंटे तक सड़क पर घायल पड़ा रहा और किसी ने उसकी सुध नहीं ली, हां मदद के नाम पर पीड़ित दो बार लुट जरूर गया.

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हॉस्पिटल में एडमिट नरेंद्र
हॉस्पिटल में एडमिट नरेंद्र

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ये दिल्ली इतनी बेरहम क्यों हो गई है. एक बार फिर पत्थरदिल दिल्ली का बेरहम चेहरा सामने आया है. एक्सीडेंट में घायल हुआ युवक 13 घंटे तक सड़क पर घायल पड़ा रहा और किसी ने उसकी सुध नहीं ली, हां मदद के नाम पर पीड़ित दो बार लुट जरूर गया.

दिल्ली के इस चेहरे पर यकीन करना मुश्किल हो लेकिन यह भी इसका एक स्याह सच है. दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती नरेंद्र के जख्म चाहे समय के साथ भर जाए लेकिन दिल्ली और दिल्ली वालों ने इन्हें जो ज़ख्म दिए हैं, उसे यह शायद कभी भूल नहीं पाएंगे.

पेशे से बतौर ड्राइवर नरेंद्र सिंह बीते बुधवार शाम जयपुर से दिल्ली लौटे थे. कश्मीरी गेट बस स्टेशन पर उतरते ही वह अपने घर बिजनौर जाने के लिए बस पकड़ने वाले ही थे कि सड़क पार करते समय एक गाड़ी ने उनको टक्कर मार दी. घायल नरेंद्र फुटपाथ पर पड़े रहे लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की.

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नरेंद्र की रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी और वह हिल भी नहीं पा रहे थे. नरेंद्र घायल हालात में ऐसे ही 13 घंटे तर सड़क पर पड़े रहे और उनके पास आने वाले लोगों ने मदद करने के बजाय उनका मोबाइल ही चुरा लिया. नरेंद्र का बैग, उनकी जेब में रखे पैसे, यहां तक कि जूते तक नरेंद्र से छीन लिए और नरेंद्र को यूं ही सड़क पर तड़पता छोड़कर लोग आगे निकल गए.

अगले दिन सुबह किसी राहगीर ने पुलिस को कॉल की. तब पीसीआर वैन पहले नरेंद्र को ट्रॉमा सेंटर ले गई फिर सफदरजंग हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया. पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने और रैश ड्राइविंग का मुकदमा दर्ज किया है लेकिन एफआईआर में चोरी का जिक्र तक नहीं है.

 

 

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