scorecardresearch
 

महिला बनकर 'गंदी बात' करता था, हकीकत जानकर पुलिस के उड़ गए होश

शातिर अपराधी जुर्म करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं, लेकिन हम आपको एक ऐसे अपराधी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी हरकतें सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. दरअसल बिहार की राजधानी पटना में एक शातिर तस्कर शराब की तस्करी करने के लिए महिला बन जाता था. जब वह पुलिस की पकड़ में आया तो पुलिस भी उसकी हकीकत जानकर हैरान रह गई.

Advertisement
X
पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है
पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है

Advertisement

शातिर अपराधी जुर्म करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं, लेकिन हम आपको एक ऐसे अपराधी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी हरकतें सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. दरअसल बिहार की राजधानी पटना में एक शातिर तस्कर शराब की तस्करी करने के लिए महिला बन जाता था. जब वह पुलिस की पकड़ में आया तो पुलिस भी उसकी हकीकत जानकर हैरान रह गई.

बिहार के पटना में रहने वाले अविनाश उर्फ़ गोल्डी की सच्चाई चौंकाने वाली है. दरअसल पुलिस को उसकी फोटो के साथ एक खुफिया टेप मिली थी, जिसमें बताया गया कि अविनाश नाम का शख्स महिला बनकर रैकेट चलाता है. शराब की तस्करी करता है. पुलिस ने मामले की तफ्तीश की तो खबर सही निकली. इसके बाद पुलिस ने जाल फैलाकर अविनाश उर्फ गोल्डी उर्फ मोनिका को गिरफ्तार कर लिया.

Advertisement

अविनाश नाम का शातिर बहरुपिया मोनिका बनकर शराब की अवैध तस्करी, फर्जी आईडी, आधार कार्ड और प्रमाण पत्र बनाने का काम कर रहा था. पटना की सुल्तानगंज थाना पुलिस ने पटना के एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर शुक्रवार को महेंद्रू के रानीघाट स्थित उसके ऑफिस में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया.

अविनाश के ऑफिस से पांच बोतल शराब, 10 हजार नकद, एक कंप्यूटर, एक कलर प्रिंटर, कई अधिकारियों की मुहर भी बरामद हुई. कंप्यूटर में पासवर्ड डाला हुआ था. पुलिस अब कम्प्यूटर को खंगालने में जुटी है. पुलिस ने उसके दफ्तर को सील कर दिया है. पुलिस को अविनाश के मोबाइल और दफ्तर से कुछ फोटो भी मिले हैं, जिसमें अविनाश साड़ी, सलवार-सूट आदि पहने हुए सजी-धजी महिला की तरह दिख रहा है.

अविनाश पिछले तीन वर्षों से अपराध की दुनिया में महिला बनकर ही सक्रिय था. पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी ओरिजनल वोटर आईकार्ड, आधार कार्ड और प्रमाण की स्कैनिंग कर किसी के भी नाम पर कागजात तैयार कर देता था. इसके एवज में वह 500 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक की वसूली करता था. यही नहीं वह मैट्रिक, इंटर, बीए, डिप्लोमा, बीएड के अलावा जेई, आईटीआई आदि का फर्जी प्रमाण पत्र भी बनाता था. विदेशों में नौकरी के लिए जाने वाले युवक उसके ग्राहक थे. राजधानी से लेकर गांव तक के लोग उसके पास प्रमाण पत्र बनवाने आते थे.

Advertisement

अविनाश उर्फ़ गोल्डी की बातों पर यकीन करें तो, महिला बनकर अपराध करने आइडिया उसे तिरुपति बालाजी की यात्रा के दौरान मिला. उसने वहां देखा कि लड़के महिलाओं का रूप धारण कर पूजा करते हैं. उनका एक अलग ही समाज होता है. इसी से प्रभावित होकर उसने महिला का रूप धारण कर फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया. अविनाश फेसबुक पर भी मोनिका कुमारी के नाम से अकाउंट चलाता था. उसके मोबाइल में कई समलैंगिक अश्लील वीडियो भी मिले हैं.

अविनाश के तीन भाई है और तीनों अभी कुंवारे हैं. तीन साल पहले वह घर से गायब हो गया था और जब वापस आया तो उसका रूप ही बदला हुआ था. उसके बाद से ही अविनाश यह गोरखधंधा करने लगा था.

पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि एक शख्स ने उसके बारे में सूचना दी थी और उसका फोटो भी दिया था. उसने कहा था कि यह पुरुष है, लेकिन महिला का वेश बदलकर गलत काम करता है. कई तरह के रैकेट चलाता है. उसके बाद पुलिस सादा वर्दी में उसके ठिकाने पर गई और उसे मौके से ही गिरफ्तार कर लिया.

Advertisement
Advertisement