बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल अंकित को गुरुवार को बागपत में हज़ारों लोगो ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. उत्तर प्रदेश पुलिस और खासतौर पर शामली पुलिस की आंखों में अपने जांबाज़ साथी अंकित को खोने का गम था, तो ऐसे अपराधियों के खिलाफ गुस्सा भी. इसलिए बागपत में एनकाउंटर में शहीद कांस्टेबल अंकित की मौत का बदला 48 घंटे के अंदर ही शामली पुलिस ने ले लिया.
यही वजह है कि 2 जनवरी को शामली में एनकाउंटर में ढेर बदमाश साबिर के सभी साथियों तक पुलिस पहुंचना चाहती थी और जैसे ही कांस्टेबल अंकित को अंतिम विदाई दी गयी, उसके थोड़ी ही देर बाद शामली एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. इस बार गोली लगी साबिर को पनाह देने वली शातिर अपराधी इंतज़ार को.
शहीद अंकित को विदाई देने के बाद जैसे ही शामली पुलिस टीम को पता लगा कि जिसने उनके साथी अंकित की हत्या की, उसको पनाह देने वाला शामली में ही है. पुलिस ने बदमाश को पकड़ने की कोशिश की, उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी. जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाई. दोनों तरफ से काफी देर तक गोलीबारी होती रही जिसके बाद इंतज़ार नाम के बदमाश को पुलिस की गोली लग गई.
शामली पुलिस ने घायल बदमाश इंतज़ार को अस्पताल में भर्ती कराया. उसका साथी तो फरार हो गया है. ये सभी मुकीम काला गैंग के सदस्य है. फिलहाल पुलिस उसके बाकी साथियों की तलाश कर रही है.