दिल्ली के शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में लापरवाही के आरोपी डॉक्टरों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. सोमवार की देर रात पुलिस ने 3 आरोपी डॉक्टरों, 3 नर्स और 2 गार्ड से शालीमार बाग थाने में करीब 4 घंटे पूछताछ की है. पुलिस ने अस्पताल से सीसीटीवी का डीवीआर भी अपने कब्जे में ले लिया है. आरोपियों से फिर पूछताछ हो सकती है.
इस बीच जीवित बचे बच्चे के दादा ने मांग की है कि सरकार बच्चे को तुरंत किसी बड़े अस्पताल में भर्ती कराए, ताकि उसकी जान बचाई जा सके. अभी बच्चे की हालत बहुत नाजुक है. उन्होंने कहा कि वह गरीब हैं और किसी बड़े अस्पताल में फौरन बच्चे को शिफ्ट किया जाना चाहिए, जिससे उसका बेहतर इलाज हो सके और उसकी जान बचाई जा सके.
हालांकि दिल्ली सरकार की तरफ से अब तक कोई भी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं आया है और न ही बच्चे के इलाज के लिए कोई कदम उठाया गया है. बच्चे के दादा ने कहा कि वह सरकार की उदासीनता से दुखी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता और बच्चे की सेहत में सुधार के लिए सरकार की तरफ से कोई जरूरी कदम नहीं उठाया जाता.
वहीं दिल्ली पुलिस ने मैक्स अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करते हुए दो नोटिस भेजे हैं. इस मामले में मैक्स अस्पताल ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है. इसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक्सपर्ट भी शामिल हैं. अस्पताल ने कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉ. एपी मेहता और डॉ. विशाल को बर्खास्त कर दिया है. जांच के घेरे में कुछ और स्टाफ भी है.
आरोपी डॉक्टरों ने एक जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर बैग में पैक कर परिवार वालों को दे दिया था. कुछ घंटे बाद हलचल होने के बाद जब बैग खोला गया, तो बच्चा जिंदा मिला था. इस बात को लेकर परिजन मैक्स अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. आरोपी डॉक्टरों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि न्याय मिलने के बाद ही वे हटेंगे.
सोमवार की देर रात शालीमार बाग थाने में करीब 4 घंटे की पूछताछ के बाद आरोपी डॉ. एपी मेहता थाने से बाहर निकले. उनसे आरोपों के बारे में जानने की कोशिश की गई, लेकिन वो तेजी से कार में बैठकर निकल गए. उनसे सच्चाई जानने की कोशिश की गई, लेकिन डॉ. मेहता ने बात करने से मना कर दिया. इससे पहले क्लिनिक की पड़ताल हुई थी.
बताते चलें कि बच्चा अभी भी शालीमार बाग के अग्रवाल अस्पताल में भर्ती है. वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है. दूसरी तरफ इस मामले में मैक्स अस्पताल ने दोनों डॉक्टर्स को बर्खास्त जरूर कर दिया है, लेकिन अभी तक बच्चे के परिजन इंसाफ की गुहार लगाजे हुए सर्द रात में भी अस्पताल के बाहर कई दिनों से धरने पर बैठे हैं. पुलिस इस मामले की जांच में लगी है.
बच्चे के दादा कैलाश ने बताया कि वह वेटिंलेटर पर है. हमने पुलिस और अस्पताल प्रशासन को पुख्ता सबूत दे दिए हैं. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द किए जाने चाहिए. उनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाने चाहिए. जब तक हमें ठोस न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हम इसी तरह अस्पताल के सामने धरने पर बैठे रहेंगे.