उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली में सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़ित की सिंगापुर के अस्पताल में मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए महिलाओं के प्रति अपराधों के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने तथा इसके लिये संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की.
मायावती ने संवाददाताओं से कहा, ‘केन्द्र सरकार को सामूहिक बलात्कार की वारदात को गम्भीरता से लेते हुए महिलाओं की सुरक्षा के लिये मौजूदा कानून में व्यापक परिवर्तन करने की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिये. इस काम में ढुलमुल रवैया नहीं अपनाया जाना चाहिये.’ उन्होंने कहा कि ऐसा कानून बनाया जाना चाहिये जिससे अपराधी बलात्कार जैसी वारदात को अंजाम देने से पहले 10 बार सोचे.
मायावती ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र भी लिखा था. उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि वह बलात्कार के मामलों में कानून में बदलाव करने में कोई देर न करें और इसे लिये संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए. अगर फांसी की सजा तय होती है तो बसपा उसका स्वागत करेगी.’
मायावती ने कहा कि दिल्ली में चलती बस में हुई वहशियाना हरकत से न सिर्फ केन्द्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों, खासकर उत्तर प्रदेश सरकार को सबक लेना चाहिये. उन्होंने कहा कि जब ऐसी वारदात होती हैं तो मीडिया में उसे खूब सुखिर्यां मिलती हैं लेकिन कुछ दिन बाद उस पर सरकार ने क्या कार्रवाई की, इसे कोई नहीं दिखाता.
बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जब से समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार बनी है तब से महिलाओं के प्रति अपराधों की वारदात में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है और शाम होने के बाद औरतें घर से निकलने में घबराती हैं. उन्होंने दावा किया कि सपा सरकार के शुरुआती करीब 10 माह के कार्यकाल में बलात्कार के 1500 से ज्यादा मामले दर्ज किये गये हैं.