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मेरठ: फर्जी निकला गैंगरेप का मामला, युवती सहित चार गिरफ्तार

मेरठ के थाना देहली गेट क्षेत्र में बुधवार को एक युवती से कथि‍त गैंगरेप का मामला फर्जी निकल गया है. दरअसल, युवती ने जिन तीन लोगों को आरोपी बनाया था उनमें से एक आरोपी दो वर्ष पहले हुई एक हत्या के मामले में गवाह था. बताया जाता है कि हाजी मरगूब नाम के शख्स ने उस गवाह को पहले खरीदने की कोशिश और जब बात नहीं बनी तो उसको रेप के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची गई.

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Symbolic Image
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मेरठ के थाना देहली गेट क्षेत्र में बुधवार को एक युवती से कथि‍त गैंगरेप का मामला फर्जी निकल गया है. दरअसल, युवती ने जिन तीन लोगों को आरोपी बनाया था उनमें से एक आरोपी दो वर्ष पहले हुई एक हत्या के मामले में गवाह था. बताया जाता है कि हाजी मरगूब नाम के शख्स ने उस गवाह को पहले खरीदने की कोशिश और जब बात नहीं बनी तो उसको रेप के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची गई.

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पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर झूठे गैंगरेप की गुत्थी को सुलझाकर आरोप लगाने वाली युवती समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, जांच में शुरू से ही विरोधाभासी तत्व सामने आ रहे थे. पुलिस ने जब गुरुवार को युवती का बयान दर्ज किया तो उसने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण मरगूब के कहने पर उसने पैसों के लालच में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके साथ ही उसने यह भी स्पष्ट किया कि मेरठ में उसका चन्द्र प्रकाश नाम का कोई भी चचेरा भाई नहीं है बल्कि चन्द्र प्रकाश जेल में बंद हत्यारोपी नजाकत का सहयोगी है.

कथि‍त रेप के वक्त पिज्जा खा रही थी युवती
युवती ने बुधवार को आरोप लगाया था कि तीन लोगों ने उसकी लस्सी में नशीला पदार्थ मिलकार एक अज्ञात स्थान पर उसके साथ गैंगरेप किया . लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि जिस समय वह बेहोश होने की बात बता रही है, उसी समय वह चन्द्र प्रकाश और मरगूब के साथ एक रेस्त्रां में जिज्जा खा रही थी. सीसीटीवी फुटेज में इसकी पुष्टि‍ हुई है.

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यही नहीं, जांच में खुलासा हुआ है कि युवती का न तो कोई पति है और ना ही बच्चे हैं, जबकि उसने बुधवार को इस बाबत दावा किया था. युवती ने पहले कहा था कि जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो वह बेहोश थी, लेकिन जिला अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज में इस झूठ का भी पर्दाफाश हो गया. पुलिस ने मामले में युवती और तीन अन्य हाजी मरगूब अली, अब्दुल अली और चन्द्र प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है. अब मामले में अस्पताल के डॉक्टरों की भूमिका की जांच की जा रही है.

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