छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बैंक के अफसरों और दलालों ने किसान क्रेडिट कार्ड की आड़ में करोड़ों का वारा न्यारा कर दिया. किसानों के फर्जी नामों से दस्तावेज तैयार किए गए और करोड़ों की रकम अपनी जेब में डाल ली गई. इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब किसानों की शिनाख्ती के लिए बैंक के कुछ अफसर गांव पहुंचे. वसूली के लिए किसानों के घर पहुंचे अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उन्हें पता चला कि पूरा मामला फर्जी है. इस फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई को सौंप दी गई.
सीबीआई ने रायपुर, रायगढ़ और भिलाई में यूको बैंक के आधा दर्जन अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की है. इस दौरान भारी मात्रा में कई किसानों की जमीनों के रजिस्ट्री पेपर और दूसरे दस्तावेज बरामद हुए हैं. इस घोटाले की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि बैंको से लोन पास कराने का धंधा करने वाले दलालों के साथ मिलीभगत कर यूको बैंक की रायगढ़ ब्रांच के अफसरों नें किसान क्रेडिट कार्ड के 281 खाताधारकों को फर्जी तौर पर 5 करोड़ 24 लाख रुपये लोन दे दिया है.
सीबीआई द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है कि किसानों की संख्या 500 से अधिक है. सीबीआई यह जानने में जुटी है कि इस तरह से बैंक के अफसरों ने कितने करोड़ों की रकम पर हाथ साफ किया है. सीबीआई की भिलाई स्थित एसीबी विंग ने भिलाई, रायपुर और रायगढ़ में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए दस्तावेज जब्त किए हैं. किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किया गया यह फर्जीवाड़ा का मामला जुलाई 2011 से अक्टूबर 2015 के बीच का है.
इसमें यूको बैंक की रायगढ़ शाखा के तत्कालीन दो ब्रांच हेड और दो लोन इंचार्ज को आरोपी बनाया गया है. इनमें सीनियर मैनेजर एसके लकरा (तत्कालीन ब्रांच हेड), सीनियर मैनेजर पीके भुवाल (ब्रांच हेड), बैंक अफसर (लोन इंचार्ज) आरके नागपरे और संजय कुमार सिंह शामिल हैं. इस घोटाले की शिकायत यूको छत्तीसगढ़ जोनल हेड नवीन कुमार दास ने की थी. इसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इसकी रिपोर्ट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भी भेजी गई है.
घोटाले में शामिल आरोपियों ने किसान क्रेडिट कार्ड से लोन मंजूर करते वक्त ना तो दस्तावेजों का परीक्षण कराया और ना ही उनका सत्यापन. ताकि फर्जीवाड़े का खुलासा होने की सूरत में वो कानूनी पेचींदियों का लाभ उठा सके. यह भी बताया जा रहा है कि लोन के जरिए जारी रकम किसानों के खाते में ना जाते हुए कुछ दलालों के खातों में चली गई. इस घोटाले को अंजाम देने के बाद यूको बैंक के आरोपी अफसरों ने अपना तबादला करवा लिया. फिलहाल आरोपी अफसरों से सीबीआई पूछताछ कर रही है.