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अजमेर में तालिबानी वारदातः महिला को पेड़ से बांध कर काटे बाल

कल समूचा देश आजादी का जश्न मना रहा था. कहने को देश भले ही आजाद हो गया है लेकिन हमारा समाज आज भी दकियानूसी सोच से आजाद नहीं हो पाया है. अजमेर में कल एक महिला को पेड़ से बांधकर उसके बाल काटने और पीटने का मामला सामने आया है. कानून के रखवाले वहां वक्त रहते पहुंचे जरूर लेकिन उस महिला की मदद को आगे आने की बजाय वो भीड़ का हिस्सा बने रहें.

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महिला के साथ मारपीट भी की गई
महिला के साथ मारपीट भी की गई

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कल समूचा देश आजादी का जश्न मना रहा था. कहने को देश भले ही आजाद हो गया है लेकिन हमारा समाज आज भी दकियानूसी सोच से आजाद नहीं हो पाया है. अजमेर में कल एक महिला को पेड़ से बांधकर उसके बाल काटने और पीटने का मामला सामने आया है. कानून के रखवाले वहां वक्त रहते पहुंचे जरूर लेकिन उस महिला की मदद को आगे आने की बजाय वो भीड़ का हिस्सा बने रहें.

प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जिस वक्त अजमेर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहरा रही थीं, ठीक उसी वक्त उनसे महज कुछ दूरी पर सभ्य समाज के चेहरे पर तमाचा जड़ा जा रहा था. जानकारी के मुताबिक, अजमेर के अंबेडकर कच्ची बस्ती इलाके में कल एक महिला को घसीटते हुए चौराहे पर लाया गया. उसके बाल काटकर उसे गंजा कर दिया गया. उसे रस्सी से पेड़ पर बांधा गया और फिर उसकी पिटाई की गई. तालिबान की खौफजदा तस्वीर पेश करते इस जुर्म में महिलाएं भी शामिल थी.

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पुलिस बनी रही तमाशबीन
पीड़ित महिला पर आरोप था कि यह बस्ती के नौजवानों के साथ गलत काम कर रही है. उन्हें बिगाड़ रही है. जिसका बुरा असर यहां रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है. इसी संदेह में बस्ती वालों ने कानून अपने हाथ में लेते हुए महिला को खुद सजा देने का फरमान सुना दिया. जिस वक्त बस्ती में कानून का मजाक उड़ाया जा रहा था उस वक्त पुलिस का एक जवान भी वहां मौजूद था. उसने महिला को बचाने के बजाय तमाशबीन बनना ज्यादा मुनासिब समझा.

पहले कभी किसी ने नहीं की थी शिकायत
महिला का पति साथ नहीं रहता है. उसके दो छोटे बच्चे हैं. महिला मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालती है. हैरानी की बात ये है कि महिला के खिलाफ कभी किसी ने कोई शिकायत तक नहीं की थी. पुलिस के आला अधिकारियों को जब घटना की जानकारी मिली तो क्रिश्चयन गंज थाना प्रभारी विजेंद्र गिल मौके पर पहुंचे. थाना प्रभारी की माने तो उन्हें दो महिलाओं के बीच विवाद की जानकारी मिली थी. उन्होंने कहा इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जा रही हैं.

भीड़ के इंसाफ का ये तीसरा मामला
बताते चलें कि पिछले एक महीने में भीड़ के इस तरह इंसाफ करने का ये तीसरा मामला सामने आया है. इससे पहले उदयपुर में एक महिला को नंगा कर कई दिनों तक पेड़ से बांध दिया गया था. वहीं अलवर में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसके शरीर पर गंदी-गंदी गालियां लिख दी गई थी. इन दोनों ही मामलों में पुलिस पहले तो टाला-मटोली करती रही मगर बाद में इनके तूल पकड़ने पर कार्रवाई की गई.

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