उत्तर प्रदेश पुलिस के एक डीएसपी पर रेप की कोशिश का आरोप लगा है. मामला गाजियाबाद के मोदीनगर का है. ये आरोप किसी और ने नहीं बल्कि सीबीआई की एक महिला सिपाही ने लगाया है. पुलिस ने डीएसपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. एसएसपी गाज़ियाबाद ने डीएसपी को हटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है. साथ ही मोदीनगर थाने के प्रभारी को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के दामन पर एक बार फिर दाग लगा है. गाजियाबाद के मोदीनगर में रहने वाली सीबीआई की महिला सिपाही ने इलाके के डीएसपी जगतराम जोशी और उसके गनर रुपेश पर रेप की कोशिश का आरोप लगाया है. महिला सिपाही का आरोप है कि कुछ पुलिस वाले उसके पति से अवैध वसूली करते थे. इस बात की शिकायत करने वह 3 अगस्त को अपने पति और एक महिला के साथ डीएसपी जोशी के पास गई थी. मगर पुलिस वालों ने पीडिता के पति को वहां से भगा दिया गया और दूसरी महिला के साथ उसे बंधक बनाकर गनर रुपेश के कमरे पर ले गए जहां उनके साथ रेप की कोशिश करने लगे. महिलाओं ने जब शोर मचाया तो गनर रुपेश ने उल्टा उनके खिलाफ ही वर्दी फाड़ने और मारपीट करने का मुकदमा दर्ज करा कर उन्हें जेल भिजवा दिया. 11 दिन बाद जब सीबीआई की महिला सिपाही जेल से छूटी तो उसने अपने विभाग को पूरी जानकार दी.
जिसके बाद सीबीआई की तरफ से गाजियाबाद पुलिस को एक पत्र मिला. जिसमे पीडिता महिला सिपाही की तरफ से रेप की कोशिश का मामला दर्ज करने की मांग की गई. उसके बाद पुलिस हरकत में आई और एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह ने डीएसपी के खिलाफ रेप की कोशिश का मामला दर्ज करा दिया. अब मामले की जांच की जा रही है. जांच प्रभावित न हो इसलिए डीएसपी को मोदी नगर से हटा दिया गया है. साथ लापरवाही के आरोप में मोदीनगर थाने के प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गय है. हालांकि पुलिस अधिकारी मामले को संदिग्ध मान रहे हैं. लेकिन एसएसपी ने मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी करने के आदेश दिए हैं.