अमृतसर ग्रेनेड हमले के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका अब साफ हो चुकी है. पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में ISI ने आतंकियों को हैंड ग्रेनेड हमले के लिए तैयार किया है. ये हमलावर सैन्य ठिकानों और सुरक्षा बलों पर हैंड ग्रेनेड फेंकने के बाद फरार हो जाते हैं. इसमें कश्मीर के युवकों की मदद ली जाती है.
अमृतसर हमले को भी इसी तरह अंजाम दिया गया. हमले के तौर-तरीकों से साफ हो चुका है कि अमृतसर ब्लास्ट के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. आईएसआई ने पंजाब में भी खालिस्तानी आतंकियों की मदद से हमले को अंजाम देने की कोशिश की गई. खुफिया सूत्रों के अनुसार हैंड ग्रेनेड को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाना आसान है.
सूत्रों का कहना है कि हैंड ग्रेनेड से होने वाले ब्लास्ट का असर भी इतना होता है कि धमाका भी हो जाता है और कई लोग हताहत भी हो जाते हैं. साथ ही हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल के लिए स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग भी सोशल मीडिया और मैसेंजर एप्स के जरिए आसानी से दे दी जाती है.
अब ये हैंड ग्रेनेड पंजाब में आतंक का नया हथियार बन चुका है. कश्मीरी आतंकी संगठनों को आईएसआई ने जिम्मेदारी दी है कि वो हैंड ग्रेनेड पंजाब में पहुंचाएं और विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकियों को निर्देश है कि वो सिख युवाओं को बरगला कर खालिस्तान की मुहिम से जोड़ें. साथ ही उन तक पैसा भेजे और हैंड ग्रेनेड के जरिए धमाके करवाएं.
ऐसा ही धमाका हाल ही में खालिस्तान गदर फोर्स के पटियाला से पकड़े गए आतंकी शबनमदीप सिंह को पटियाला बस स्टैंड पर करना था, लेकिन उससे पहले ही वो पंजाब पुलिस की पकड़ में आ गया.
गौरतलब है कि पंजाब के अमृतसर शहर के एक गांव में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. राजासांसी के अदावली गांव के संत निरंकारी भवन में हुए इस ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद पंजाब समेत राजधानी दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर में हाईअलर्ट है.