scorecardresearch
 

पैरोल पर छूटे कैदी ने रची अपनी मौत की साजिश, मजदूर की हत्या कर जलाया

राजेश परमार ने पहले राजू को देर तक शराब पिलाई. जब वह नशे में धुत हो गया तो उसके हाथ-पांव बांधकर उसका गला दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद उसके शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

Advertisement
X
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है (सांकेतिक चित्र)
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है (सांकेतिक चित्र)

Advertisement

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक हैरान करने वाला कत्ल का मामला सामने आया है. जहां सेंट्रल जेल से पैरोल पर छूटे एक कैदी ने अपनी मौत की ऐसी साजिश रची कि सुनकर लोग हैरान रह गए. दरअसल, पहले उसने अपने एक साथी की हत्या की और फिर उसके शव को जला दिया. इसके बाद उसने खुद की मौत की ख़बर फैला दी. कैदी की पहचान राजेश परमार के रूप में हुई थी.

मामला पुलिस तक जा पहुंचा. पुलिस ने संदिग्ध मौत मामले की छानबीन शुरू कर दी है. पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि पैरोल पर छूट कर आए राजेश परमार ने आत्मदाह कर लिया. लेकिन जैसे जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो मामला कुछ और ही निकला. पुलिस को पता चला कि मरने वाला राजेश नहीं कोई और था.

Advertisement

घटना के ठीक सात दिन बाद पुलिस ने राजेश परमार को बेंगलुरु से धर दबोचा. इस वारदात को अंजाम देने में उसकी मदद करने वाला उसका एक दोस्त भी गुजरात से पुलिस के हत्थे चढ़ गया. 34 वर्षीय राजेश परमार नीलबड़ के हरी नगर का निवासी है. वो हत्या के एक मामले में सजा काट रहा है.

इसी दौरान उसने पैरोल के लिए आवेदन किया था. जिसे मंजूर कर लिया गया और 15 जून को राजेश भोपाल सेंट्रल जेल से छूटकर बाहर आ गया. पैरोल महज दो हफ्ते की थी. 29 जून को उसे वापस जेल जाना था. लेकिन वह जेल नहीं जाना चाहता था. इसी चलते उसने अपनी मौत की साजिश रच डाली.

उसी साजिश के तहत उसने 28 जून की अल सुबह अपने खास दोस्त निहाल खान को मिलने के लिए बुलाया. वह बिहार के चंपारण का निवासी था और अटेर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. उसे वहां बुलाकर उसने अपनी पूरी योजना बताई. निहाल ने इस बात से इनकार कर दिया लेकिन राजेश ने उसे एक लाख रुपये का लालच देकर मना लिया.

इसके बाद वे दोनों एक ऐसे शख्स की तलाश में जुट गए, जो राजेश परमार से मिलता जुलता हो. तभी उन्हें प्रभात चौराहे के पास ठेके पर पास एक शख्स अकेले शराब पीते नजर आया. उसका नाम राजेश रैकवार उर्फ राजू था. राजेश परमार और निहाल उसके साथ बैठे और उससे दोस्ती कर ली.

Advertisement

फिर दोनों ने उसे नौकरी दिलाने का लालच दिया और उसे अपनी बाइक से लेकर राजेश के घर की तरफ निकल गए. जहां वो किराये पर अकेले रह रहा था. रास्ते में उन लोगों ने एक जगह से शराब भी खरीदी और अपनी बाइक का पेट्रोल टैंक फुल कराया. रात में वो दोनों राजू को लेकर राजेश परमार के कमरे पर जा पहुंचे.

वहां उन्होंने राजू को फिर से शराब पिलाई. जब वह नशे में धुत हो गया तो उसके हाथ-पांव बांधकर उसका गला दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद उसके शरीर पर कुछ किताबें और कपड़े डालकर उन्होंने पेट्रोल छिड़क दिया, जो राजेश परमार ने बाइक से निकाला था और इसके बाद वहां आग लगा दी.

यही नहीं, राजेश ने वहां आग से कुछ दूर एक सुसाइड नोट छोड़ा ताकि उसकी मौत की पुष्टि हो सके. घर में आग लगी देख किसी ने पुलिस को सूचना दी. तभी पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने वहां से जला हुआ शव बरामद कर लिया.

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. रिपोर्ट आने पर खुलासा हुआ कि वो लाश राजेश परमार की नहीं बल्कि किसी और की थी. बस तभी से पुलिस कातिल की तलाश में जुट गई और आखिरकार राजेश परमार और उसका सहयोगी निहाल पकड़ा गया.

Advertisement

Advertisement
Advertisement