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MP हनी ट्रैप केस: पुलिस ने आरोपी युवती के पिता को हिरासत में लिया

मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप कांड मामले में पुलिस ने आरोपी लड़की के पिता को भी हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने आरोपी लड़की मोनिका यादव के पिता हरिलाल यादव को सोमवार देर रात हिरासत में लिया.

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मोनिका यादव को 18 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था
मोनिका यादव को 18 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था

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  • हरिलाल की इस मामले में क्या भूमिका रही है इसे लेकर पुलिस ने कुछ नहीं कहा है
  • हरिलाल का सामना इंदौर में मामले की मुख्य आरोपी आरती दयाल से कराया जाएगा
  • हनीट्रैप कांड में आरती दयाल और मोनिका यादव को 18 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था

मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप कांड मामले में पुलिस ने आरोपी लड़की के पिता को भी हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने आरोपी लड़की मोनिका यादव के पिता हरिलाल यादव को सोमवार देर रात हिरासत में लिया. इंदौर पुलिस की एक टीम ने राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के स्वांसी गांव से हरिलाल को हिरासत में लिया. बता दें 18 सितंबर को पुलिस ने मोनिका को गिरफ्तार किया था.

हरिलाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने पहले गांव के सरपंच इंदर सिंह से संपर्क किया. इसके बाद तलाशी शुरू की गई और हरिलाल को हिरासत में लिया गया. इंदर सिंह ने बताया कि पुलिस टीम मोनिका के साथ ही गांव पहुंची थी जिसने बताया कि उसे इस मामले में कुछ रसूखदार लोगों द्वारा फंसाया जा रहा है.

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इंदर सिंह ने कहा, "मोनिका गरीब घर से आती है. परिवार का जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था जिसे हल कराने के लिए वह आरती दयाल से संपर्क में आई थी. आरती मोनिका को पत्रकारिता की पढ़ाई कराने में मदद करने की बात कहकर अपने साथ ले हई थी."

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हरिलाल को भोपाल लाया गया है और फिर उसे इंदौर ले जाया जाएगा जहां उसका सामना आरती दयाल और अन्य आरोपियों से कराया जाएगा. आरती पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है और नया सवाल पूछे जाने पर बेहोश होने का नाटक करती है." हालांकि हरिलाल की इस मामले में क्या भूमिका रही है और क्या आगे उसकी गिरफ्तारी हो सकती है इसे लेकर पुलिस ने कुछ नहीं कहा है.

बता दें मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले हनीट्रैप कांड में आरती दयाल और मोनिका यादव को 18 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों को इंदौर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था जहां पर दोनों इंजीनियर हरबंस सिंह से 50 लाख रुपये की पहली किस्त की रंगदारी वसूलने गए थे.

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