महेंद्र सोनी पर पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश सरकार ने 10,000 का ईनाम रखा था. महेंद्र सोनी को भी जीतू सोनी के साथ कई मामलों में सह आरोपी बनाया गया था. जीतू सोनी पर तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कई कार्रवाई की थी.
उनके खिलाफ एक के बाद एक एक्शन तब लिए गए जब उन्होंने लीक्ड ऑडियो और वाट्सऐप चैट को प्रकाशित करना शुरू किया था. इसमें शिवराज सिंह चौहान के कुछ पूर्व वरिष्ठ सलाहकार भी शामिल थे.
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दरअसल हनी ट्रैप का खुलासा करके सुर्खियों में आए अखबार मालिक जीतू सोनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी. इंदौर नगर निगम ने प्रेस कॉम्प्लेक्स क्षेत्र में स्थित सांझा लोकस्वामी के दफ्तर को भी तोड़ने का आदेश दिया था.
जीतू सोनी सांझा लोकस्वामी अखबार के मालिक हैं. अखबार के लिए जीतू सोनी ने इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) से जमीन लीज पर ली थी, जिसकी लीज को खारिज कर दिया गया था. जीतू सोनी के कई होटलों और बंगलों को पहले ही जमींदोज किया जा चुका है.
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पुलिस ने जीतू सोनी पर मानव तस्करी, अतिक्रमण, लूट सहित कई धाराओं में आठ मुकदमे दर्ज किए थे. वही सोनी को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग दो थानों से 10-10 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया था.