कहने के लिये तो वो उस मासूम की मां थी. मगर उस औरत का कारनामा किसी हैवान से कम नहीं. उसने अपने पांच साल के उस मासूम बेटे पर जिस तरह जुल्मों सितम किए उसे देखकर एक बार को शैतान भी शर्मिंदा हो जाए. वो औरत कभी अपने बेटे को बेरहमी से पीटती थी तो कभी उसे गर्म चिमटे से दाग देती थी. कभी उसे सुई चुभाती थी तो कभी चाकू से उसे काटती थी. उस मासूम के लिए मां लफ्ज ही डर की वजह बन गया.
यह कहानी एक ऐसी मां की है. जिसे मां कहते हुए शर्म को भी शर्म आ जाए. पांच साल के मासूम पर हैवानियत बरपाने वाली वो औरत और उसका पति मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में रहते हैं. यह अग्रवाल दम्पत्ति निसंतान थी. फिर एक दिन एक शराबी कबाड़ बीनने वाले को पैसा देकर उन्होंने अवैध तरीके से मासूम कार्तिक को गोद ले लिया.
कुछ दिन बाद ही कार्तिक पर जुल्म ढ़ाने का सिलसिला शुरु हो गया. सौतेली मां का कहर मासूम पर रोजाना टूटता रहा. हर दिन उसे मारा पीटा जाने लगा. सहमा डरा हुआ मासूम दर्द सहन करने के अलावा कुछ नहीं कर सकता था. वहां कोई उसकी मदद करने वाला नहीं था. कभी सुई चुभाई जाती तो कभी चाकू से काटा जाता, कभी गर्म तवे पर बैठाया जाता तो कभी गर्म चिमटे से दागा जाता यहां तक कि कभी-कभी उसे दातों से काटा गया.
सौतेली मां की करतूत का खुलासा शहर के राजेश्वरी स्कूल में हुआ जहां कार्तिक पढ़ाई कर रहा था. एक दिन उस बच्चे ने अपने साथ होने वाले जुल्मों सितम की दांस्तान अपनी टीचर को सुनाई. अपने जिस्म के जख्म भी उसने सबको दिखाए. मासूम का पूरा जिस्म उस पर किए गए अत्याचारों की गवाही दे रहा था.
स्कूल प्रबंधन ने इस बात की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग से की. बच्चे के साथ अत्याचार का मामला वहां से चाइल्ड लाइन पहुंच गया. शिकायत मिलते ही चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस के साथ महू पहुंची और कार्तिक को अग्रवाल दंपत्ति के चंगुल से मुक्त करवाया.
पुलिस ने चाइल्ड लाइन की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन कार्तिक को गोद लेने वाली जालिम मां और पिता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच की बात कर रही है. बच्चे को बाल संरक्षण गृह भेज दिया है. जहां कई दिनों बाद उसके चेहरे पर मुस्कान नजर आई है.