मुरथल गैंगरेप मामले की जांच कर रहे हरियाणा पुलिस अधिकारियों की अब तक की कार्रवाई पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने संदेह व्यक्त किया है. न्याय मित्र वकील अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट से कहा कि घटना के दिन हरियाणा पुलिस के बड़े अधिकारियों का आधे घंटे के भीतर घटनास्थल पर पहुंच जाना आश्चर्यजनक था, बावजूद इसके हरियाणा पुलिस मुरथल के सुखदेव ढाबा के पास हुए कथित गैंगरेप में एक भी आरोपी को अब तक नहीं पकड़ पाई है.
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों के बावजूद उन्हें मामले से जुड़े अफसरों की काल डिटेल नहीं दी गई. गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने हरियाणा पुलिस के IG, सोनीपत के SP, DSP, डिप्टी कमिश्नर, SDM और मुरथल के SHO के मोबाइल फोन की 19 से 22 फरवरी के बीच की काल डिटेल सौंपने को कहा था.
हालांकि एसआईटी ने 573 गवाहों के बयान की प्रति और केस डायरी की प्रति सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश कर दी, जिसे हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी को सौंप दी. जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने मामले पर 24 जनवरी के लिए अगली सुनवाई तय की है.
इससे पहले कोर्ट मित्र सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को बताया था कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 22 और 23 फरवरी 2016 की रात को मुरथल में 9 महिलाओं के साथ कथित तौर पर गैंगरेप हुए थे. गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि प्रकाश सिंह जांच आयोग के सदस्य और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी विजय वर्धन में उन्हें बताया था कि मुरथल में कम से कम 9 गैंगरेप हुए थे.
गुप्ता ने इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर मुरथल गैंगरेप मामले की जानकारी देने के लिए विजय वर्धन को गाली देने और बेइज्जत करने का आरोप भी लगाया था. अनुपम गुप्ता ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया था कि वह जानबूझकर मुरथल गैंगरेप के मामले को रफा दफा करना चाहती है. उधर हरियाणा पुलिस का कहना है कि अब तक मुरथल गैंगरेप से संबंधित कोई भी पीड़ित या गवाह सामने नहीं आया है.