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मुजफ्फरपुर कांडः बालिका गृह को तोड़ने का आदेश, जिसमें मासूमों का हुआ था रेप

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर नगर निगम ने ब्रजेश ठाकुर को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर अपने चार मंजिला भवन का नक्शा पेश करने के लिए कहा था.

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बालिका गृह (फोटो-आजतक)
बालिका गृह (फोटो-आजतक)

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मुजफ्फरपुर नगर निगम ने बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साहू रोड पर बने उस भवन को एक महीने के अंदर तोड़ने का निर्देश जारी किया है, जहां पर बालिका गृह स्थित है. इसे लेकर नगर निगम ने शनिवार को भवन के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया, जिसमें ब्रजेश ठाकुर को 1 महीने के अंदर इसे तोड़ने का आदेश दिया गया है और ऐसा नहीं करने पर निगम भवन को तोड़ने की कार्रवाई करेगा.

गौरतलब है कि 25 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि बालिका गृह के हालात जेल से भी बदतर हैं. कोर्ट ने आदेश दिया था कि नगर निगम इस भवन के नक्शे की जांच कर इसके खिलाफ कार्रवाई करे.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर नगर निगम ने ब्रजेश ठाकुर को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर अपने चार मंजिला भवन का नक्शा पेश करने के लिए कहा था. हालांकि, बृजेश ठाकुर की मां मनोरमा देवी ने ऐसा करने में असमर्थता जताई थी और 1 महीने का वक्त मांगा था.

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मुजफ्फरपुर नगर निगम ने शनिवार को खुद के पास मौजूद इस भवन के नक्शे की जांच की जिसमें काफी सारी गड़बड़ियां पाई गईं. इस दौरान यह बात सामने आई कि 2004 में बृजेश ठाकुर ने 2 मंजिला इमारत खड़ा करने के लिए नक्शा पास कराया था, मगर उसने 4 मंजिला इमारत खड़ी कर दी जो कि बिल्डिंग बाई लॉज़ का पूरी तरीके से उल्लंघन है.

इस बैठक में मनोरमा देवी भी मौजूद थीं. मगर उन्होंने बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर नगर निगम ने बृजेश ठाकुर को 1 महीने के अंदर इस भवन को तोड़ने का आदेश पारित किया है.

बृजेश ठाकुर के इस भवन में ही बालिका गृह के साथ साथ उसका अपना घर भी था जहां उसका परिवार रहता था. इसी बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना इस साल मई में सामने आई जिसके बाद इस भवन को सील कर दिया गया है.

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