मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार मामले में बिहार सरकार की कार्रवाई तेज होती जा रही है. दो दिन पहले सरकार ने 14 जिलों में समाज कल्याण विभाग में कार्यरत सहायक निदेशक और बाल संरक्षण पदाधिकारी पद पर तैनात अधिकारियों को निलंबित कर दिया. वहीं मंगलवार को मुजफ्फरपुर SSP हरप्रीत कौर ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह को लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित कर दिया.
निलंबित पुलिस अधिकारी विनोद कुमार सिंह के ऊपर आरोप है कि जून में जब पुलिस और समाज कल्याण विभाग ने बालिका गृह के संचालक बृजेश ठाकुर के स्वाधार गृह की जांच की थी तो वहां से 11 महिलाओं और 4 बच्चों को गायब पाया गया था. लेकिन उन्होंने इस बात की सूचना SSP को नहीं दी जिसकी वजह से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में 2 महीने की देरी हुई.
गौरतलब है कि अप्रैल में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ऑडिट रिपोर्ट आने से पहले समाज कल्याण विभाग में स्वाधार गृह की जांच की थी तो वहां पर 11 महिलाओं और चार बच्चों को पाया था मगर इस ऑडिट रिपोर्ट के आने के बाद जब जून में दोबारा इसी स्वाधार गृह की जांच की गई तो महिलाएं और बच्चे गायब पाए गए. पिछले दिनों पुलिस ने स्वाधार गृह पर छापेमारी भी की और वहां से शराब की बोतलें और कंडोम जैसी कई आपत्तिजनक चीजें बरामद की.
दूसरी तरफ, बालिका गृह में बलात्कार के मामले में समाज कल्याण विभाग की मंत्री कुमारी मंजू वर्मा के ऊपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता जा रहा है. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजू वर्मा का समर्थन किया है और कहा है कि जब तक इनके खिलाफ कोई सबूत सामने नहीं आता है तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी मगर नैतिकता के आधार पर मंजू वर्मा के ऊपर इस्तीफा देने का दबाव है.