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सुलझ गया 3.5 करोड़ रुपये का रहस्य, आयकर विभाग ने इस नेता को सौंपी रकम

दीमापुर एयरपोर्ट पर बरामद किए गए साढ़े तीन करोड़ रुपये नागालैंड के बिजनेसमैन अनाटो के झिमोमी को सौंप दिए गए. शुरुआती जांच के बाद आयकर विभाग ने उनको रकम वापस कर दी. इस मामले में अब जांच एजेंसियां दिल्ली के एक व्यापारी सहित तीन लोगों से पूछताछ कर रही हैं. पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इतनी रकम आई कहां से.

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साढ़े तीन करोड़ रुपये का रहस्य सुलझा
साढ़े तीन करोड़ रुपये का रहस्य सुलझा

दीमापुर एयरपोर्ट पर बरामद किए गए साढ़े तीन करोड़ रुपये नागालैंड के बिजनेसमैन अनाटो के झिमोमी को सौंप दिए गए. शुरुआती जांच के बाद आयकर विभाग ने उनको रकम वापस कर दी. इस मामले में अब जांच एजेंसियां दिल्ली के एक व्यापारी सहित तीन लोगों से पूछताछ कर रही हैं. पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इतनी रकम आई कहां से.

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर हिसार एयरपोर्ट से चार्टर प्लेन में साढ़े तीन करोड़ रुपये के नोट दीमापुर एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था. नागालैंड के पूर्व मंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद हेजुखु खेकिहो झिमोमी के बेटे अनाटो के झिमोमी ने बताया कि यह रकम उनकी खुद की है. झिमोमी नगालैंड पीपल्स फ्रंट के नेता नेफियू रियो के दामाद भी हैं.

मंगलवार की देर रात दिल्ली में आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचे अनाटो झिमोमी ने इस रकम को सफेद धन होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज सौंपे. अनाटो की दीमापुर के सर्कुलर रोड पर झिमोमी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज है. उनको हिसार में जमीन खरीदनी थी. इसके लिए वे 5 करोड़ रुपए हिसार लाए थे. लेकिन किसी वजह से जमीन की डील न हो पाई.

कैश सुपुर्द लेकिन जांच कर रही हैं एजेंसियां
इसके बाद उन्होंने अमरजीत को साढ़े तीन करोड़ रुपए वापस दीमापुर लाने के लिए भेजा था. अमरजीत बिहार के मुंगेर के व्यापारी हैं. हिसार एयरपोर्ट अफसरों से जानकारी मिली है कि यहां से चार्टर विमान में चार लोग यहां से नागालैंड गए थे. उनको चार्टर प्लेन में रखे रकम के बारे में जानकारी नहीं थी. फिलहाल एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं.

काले धन को सफेद करने की योजना तो नहीं?
सूत्रों के मुताबिक, इस बात का भी शक जताया जा रहा है कि कहीं इस पैसे को पूर्वोत्तर राज्य में पैसे भेजकर सफेद तो नहीं करने की योजना थी? क्योंकि भारत के आयकर कानून के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में आय की कई श्रेणियों और समाज के कुछ वर्गों को आयकर में छूट दी गई है. इस बात का फायदा उठाकर कालेधन को सफेद किया जा सकता है.

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