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नारदा केस: TMC ने CBI के खिलाफ दर्ज कराई FIR, कहा- नेताओं की गिरफ्तारियां अवैध, जमानत पर सुनवाई कल

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की शिकायत में कहा गया है कि गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष से कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी. उन्होंने लिखा कि हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि किसी राज्य का राज्यपाल सीबीआई को किसी को गिरफ्तार करने का निर्देश कैसे दे सकता है.

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नारदा केस में फंसे बंगाल के चार बड़े नेता
नारदा केस में फंसे बंगाल के चार बड़े नेता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नारदा केस को लेकर बंगाल में सियासत तेज
  • टीएसमी ने CBI के खिलाफ दर्ज कराई FIR
  • गिरफ्तार नेताओं की जमानत पर सुनवाई कल

नारदा स्टिंग ऑपरेशन (Narada Case) केस में फंसे टीएसमी नेताओं की आज (बुधवार) भी जमानत नहीं हुई. नारदा मामले के चारों आरोपियों की जमानत पर कल (गुरुवार) फिर सुनवाई होगी. कलकत्ता हाई कोर्ट में मामले की कल दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी. इस बीच टीएसमी की ओर से सीबीआई के खिलाफ ही केस दर्ज कराया गया है. टीएसमी का कहना है उसके नेताओं की गिरफ़्तारी गैरकानूनी है.  

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बता दें कि 17 मई को जिस दिन सीबीआई ने नारदा स्टिंग मामले में तृणमूल कांग्रेस के 3 वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया, उसी दिन टीएसमी ने सीबीआई के खिलाफ शिकायत दर्ज की. पश्चिम बंगाल सरकार की वरिष्ठ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कोलकाता पुलिस के मुख्यालय लालबाजार में सीबीआई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि ये गिरफ्तारियां 'अवैध' हैं. शिकायत के संबंध में बुधवार को कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. 

मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की शिकायत में कहा गया है कि गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष से कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी, जो कि एक विधायक को गिरफ्तार करने के लिए जरूरी होती है. शिकायत में पीएम मोदी के इशारे पर नेता को गिरफ्तार करने वाले सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

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उन्होंने लिखा, "हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि किसी राज्य का राज्यपाल सीबीआई को किसी को गिरफ्तार करने का निर्देश कैसे दे सकता है, जबकि कानून उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं देता. बेशर्मी से, राज्यपाल बीजेपी के मुखपत्र और पीएम मोदी और अमित शाह के इशारे पर काम कर रहे हैं." 

कल फिर होगी मामले की सुनवाई
गिरफ्तार नेताओं की जमानत के मामले की सुनवाई कल दोपहर 2 बजे होगी. वहीं मामले को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने पर अभी सुनवाई नहीं हुई. बुधवार को कोर्ट में जिरह के दौरान वकील सिंघवी ने कहा कि सीएम (ममता बनर्जी) का धरना बिना हिंसा के विरोध का गांधीवादी तरीका था. इसपर कोर्ट ने पूछा- पथराव गांधीवादी है? 

गिरफ़्तारी के बाद झड़प, अब एफआईआर दर्ज
उधर, शेक्सपियर सारनी पुलिस स्टेशन में धारा 147/148/149 के तहत उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, जो 17 मई को निजाम पैलेस के सामने अवैध रूप से इकट्ठे हुए थे. इसी दिन नारदा केस में नेताओं को गिरफ्तार किया गया था और इसके विरोध में लोगों ने उपद्रव किया था. कोर्ट में टीएमसी की तरफ से कहा गया कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता सीबीआई परिसर के अंदर थीं, न कि जहां यह हो रहा था. धरना मुख्य मार्ग पर चल रहा था. ममता बनर्जी सड़क पर मौजूद नहीं थीं. 

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