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राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी ने मजबूरन मौत को लगाया गले

खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले रियो ओलंपिक में भारत की दो बेटियों साक्षी मलिक और पीवी सिंधु ने देश की झोली में मेडल डाल भारत का नाम रोशन किया हैं. हर ओर से उन पर पैसों की बारिश हो रही हैं.

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हॉस्टल नहीं मिलना थी महिला खिलाड़ी के सुसाइड की वजह
हॉस्टल नहीं मिलना थी महिला खिलाड़ी के सुसाइड की वजह

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खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले रियो ओलंपिक में भारत की दो बेटियों साक्षी मलिक और पीवी सिंधु ने देश की झोली में मेडल डाल भारत का नाम रोशन किया हैं. हर ओर से उन पर पैसों की बारिश हो रही हैं. करोड़ों रुपयों की इन घोषणाओं के बीच देश के लिए खेलने वाली एक बेटी ने खेलतंत्र में फैले भ्रष्टाचार के चलते मजबूरन मौत को गले लगा लिया. खुदकुशी करने से पहले उस एथलीट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक सुसाइड नोट भी लिखा है.

20 वर्षीय पूजा कुमारी पटियाला के खालसा कॉलेज की छात्रा थी. पूजा राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल खिलाड़ी थी. मगर भ्रष्टाचार से जकड़े तंत्र ने उसे आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. उसके इस कदम से उसके साथी खिलाड़ी गहरे सदमे में है. आरोप है कि खालसा कॉलेज के अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्तर की इस खिलाड़ी को निःशुल्क छात्रावास देने से इंकार कर दिया था. छात्रावास देने के एवज में उससे रिश्वत की मांग की गई थी. दरअसल पूजा के पिता सब्जी बेचकर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाते है. पूजा की पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह छात्रावास का खर्च उठा सके. जिसके बाद अपने सपनों को दम तोड़ता देख पूजा ने मजबूरन ऐसा कदम उठा लिया, जिसे सोचने भर से इंसान की रूह कांप जाएं.

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प्रधानमंत्री के नाम लिखा सुसाइड नोट
रिश्वत मांगे जाने से परेशान पूजा ने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. एक खिलाड़ी की अचानक मौत की खबर से सभी सन्न रह गए. आत्महत्या करने से पहले पूजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक सुसाइड नोट भी लिखा. सुसाइड नोट में उसने प्रधानमंत्री से गरीब परिवार की लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए निःशुल्क पढ़ाई और खेलों में अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग की, ताकि फिर कोई पूजा समाज में फैले भ्रष्टाचार की वजह से मौत को गले न लगाए. पूजा ने अपनी मौत के लिए कॉलेज के एक प्रोफेसर को जिम्मेदार ठहराया. सुसाइड नोट में उसने लिखा कि कथित प्रोफेसर ने उसे हॉस्टल में दाखिला देने के बदले रिश्वत की मांग की थी.

3720 रुपये पड़े जिंदगी पर भारी
बता दें कि हॉस्टल न मिलने से पूजा को हर महीने 3720 रुपये खर्च करने पड़ते. इस रकम का भार उसका परिवार नहीं उठा सकता था. पूजा के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. खालसा कॉलेज के प्रिंसिपल धर्मेंद्र सिंह उभा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की एक खिलाड़ी का ऐसा कदम उठाना बेहद चौंकाने वाली घटना है. प्रिंसिपल के मुताबिक, पूजा को 18 अगस्त को हॉस्टल में निःशुल्क दाखिला दिया गया था. एक खिलाड़ी से रिश्वत मांगे जाने की घटना बेहद शर्मनाक है. फिलहाल पुलिस मामले की पड़ताल कर आत्महत्या के असल कारणों का पता लगाने में जुटी है.

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