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ये है आतंकियों का नया स्टाइल, खास रणनीति से कर रहे हैं हमला

सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर में हमला करने वाले तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. पंजाब में 20 साल बाद इतना बड़ा हमला हुआ है. इससे पहले 31 अगस्त, 1995 को हुए हमले में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की कार को खालिस्तान समर्थक आतंकियों ने निशान बनाया था. इसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी.

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पंजाब में हमला करने वाले तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है.
पंजाब में हमला करने वाले तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है.

सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर में हमला करने वाले तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. पंजाब में 20 साल बाद इतना बड़ा हमला हुआ है. इससे पहले 31 अगस्त, 1995 को हुए हमले में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की कार को खालिस्तान समर्थक आतंकियों ने निशान बनाया था. इसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी.

गुरदासपुर का हमला आतंकियों के एक खास स्टाइल की तरफ इशारा कर रहा है, जो अबूझ पहेली बनता जा रहा है. इसमें कॉमन है, सेना की वर्दी, गाड़ी हाइजैक करना और आमजन के साथ पुलिस थाने को निशाना बनाना. सोमवार सुबह 5:30 बजे आतंकियों ने जम्मू जा रही एक सवारी बस पर गोली बरसाने के बाद करीब 6 बजे एक कार छीन ली.

उस कार से अंधाधुंध गोलियां बरसाते हुए सभी आतंकी थाने की तरफ आगे बढ़े. थाने में घुसते ही उन्होंने सभी पुलिसवालों को गोली मार दी. यहां तक की लॉकअप में बंद दो कैदियों को भी नहीं बख्सा. इसके बाद थाने को कब्जे में कर लिया. ठीक इसी तरह जम्मू-कश्मीर के कठुआ और कुपवाड़ा में हुए हमलों में यह ट्रेंड सामने आया था.

ये है टेरर अटैक का नया ट्रेंड

1- रात के अंधेरे में घुसपैठ
आतंकवादी रात के अंधेरे का फायदा उठाकर सीमापार से घुसपैठ करते हैं. इस तरह वे भारत के सीमावर्ती शहरी इलाकों में आसानी से घुस जाते हैं; और इसके बाद मौत का तांडव करते हैं.

2- बदन पर सेना की वर्दी
हाल ही में सामने आए एक वीडियो से खुलासा हुआ था कि आतंकी सेना की वर्दी में हमला करेंगे. सेना की वर्दी पहनने की वजह से उन्हें घुसपैठ करने और शहर में दाखिल होने में सहुलियत रहती है. लोगों को शक भी नहीं होता है.

3- तड़के अंधाधुंध फायरिंग
राते के अंधेरे में घुसपैठ कर चुके आतंकी सुबह सवेरे रिहायशी इलाकों में फायरिंग शुरू कर देते हैं. इससे लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिलता है. ज्यादातर रात की गश्त के बाद पुलिस भी आराम कर रही होती है.

4- पुलिस स्टेशन को निशाना
पिछली दो घटनाओं में साफ दिख रहा है कि आतंकियों ने सीधे पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया है. उनका सीधा मकसद पुलिसकर्मियों को मारकर थाने में मौजूद असलहों और गोला-बारूद का इस्तेमाल करना होता है.

अगले पेज पर क्लिक करके पढ़ें: कैसे एक वीडियो से हुआ था नई रणनीति का खुलासा...{mospagebreak}

वीडियो से हुआ था खुलासा
आतंकियों द्वारा सेना की वर्दी में हमला करने संबंधी अलर्ट इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पहले ही जारी कर दिया था. इससे पहले 12 जुलाई, 2015 को आतंकियों का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें आतंकी सेना की वर्दी में नजर आ रहे थे. इस वीडियो से साफ जाहिर हो रहा था कि आतंकी अब सेना की वर्दी पहनकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहे हैं.

फेसबुक पर पोस्ट की थी तस्वीर

वीडियो में आतंकियों के साथ हिजबुल कमांडर बरहार मुजाफर भी नजर आया था. आतंकियों के हाथ में खतरनाक हथियार दिख रहे थे. इससे पहले फेसबुक पर एक तस्वीर भी पोस्ट की गई थी, जिसमें आतंकी सेना की वर्दी में थे. इसे खुद आतंकियों ने ही वायरल किया था, जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डिलीट करा दिया था.

कठुआ में गुरदासपुर स्‍टाइल में हमला
इसी साल मार्च में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना की वर्दी पहने दो आतंकी घुस गए थे. गुरदासपुर की ही तरह उन लोगों ने अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया था. इस हमले में तीन पुलिसवाले और दो आम लोग मारे गए थे और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित 10 लोग घायल हुए थे.

रात में सीमापार से हुए थे दाखिल
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक दानिश राणा ने बताया था कि सभी आतंकी सेना की वर्दी पहने हुए थे. वे राजबाग पुलिस स्टेशन में घुसे और हथगोले फेंकने के साथ अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. बाद में सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकवादियों को मार गिराया. आतंकियों ने हमला करने के लिए रात में सीमा पार से घुसपैठ की थी.

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