निर्भया कांड के बाद किशोर न्याय अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद मध्य प्रदेश के झाबुआ की एक अदालत ने दो नाबालिगों को हत्या के आरोप में वयस्क की श्रेणी में रखा. उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई है. इन नाबालिगों ने पिछले साल पैसे को लेकर हुए विवाद पर अपने सहपाठी की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी.
सत्र न्यायाधीश एए खान ने दोनों नाबालिगों को नर्भया कांड के बाद किशोर न्याय अधिनियम में किए गए संशोधन के आधार पर मंगलवार को सजा सुनाई. झाबुआ के पुलिस अधीक्षक महेश चंद्र जैन ने बताया कि संभवत: यह देश में पहला मामला है, जब नाबालिग अपराधियों को वयस्क मानकर हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
इस मामले में सबसे खास बात यह रही कि दोनों की उम्र 18 वर्ष से कम होने के बावजूद बड़ों की तरह सजा दी गई. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 302 के तहत दोनों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 25(बी) के तहत 3-3 साल का सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
बताते चलें कि यह मामला 5 दिसंबर 2016 का है. उस समय एक स्कूल में पढ़ने वाले 9वीं कक्षा के छात्र राधुसिंह पालिया (16) से पैसों को लेकर हुए विवाद के बाद दो युवकों बबलू (17) और सोनटिया राजा (16) ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी. इस मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करके विस्तृत जांच की थी.