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PAK नहीं अब इन देशों के रास्ते दाऊद भेज रहा है नकली नोट

नोटबंदी के बाद भारत में नकली नोटों को खपाने के तौर-तरीके बदल गए हैं. दिल्ली समेत देशभर में नकली नोटों को पहुंचाने का रूट भी अब बदल दिया गया है. पहले नेपाल, यूपी, कश्मीर और बंगाल होते हुए नकली नोट भारतीय बाजारों में पहुंचते थे लेकिन अब इन्हें श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड के रास्ते भारत भेजा जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम इन नकली नोटों के काले कारोबार से जुड़ा है और इन नोटों की छपाई कराची और लाहौर में ही की जा रही है.

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दाऊद इब्राहिम का नकली नोट कनेक्शन
दाऊद इब्राहिम का नकली नोट कनेक्शन

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नोटबंदी के बाद भारत में नकली नोटों को खपाने के तौर-तरीके बदल गए हैं. दिल्ली समेत देशभर में नकली नोटों को पहुंचाने का रूट भी अब बदल दिया गया है. पहले नेपाल, यूपी, कश्मीर और बंगाल होते हुए नकली नोट भारतीय बाजारों में पहुंचते थे लेकिन अब इन्हें श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड के रास्ते भारत भेजा जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम इन नकली नोटों के काले कारोबार से जुड़ा है और इन नोटों की छपाई कराची और लाहौर में ही की जा रही है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डीसीपी स्पेशल सेल संजीव यादव ने बताया कि सीमापार से पहुंच रही नकली नोटों की खेप के साथ हुई गिरफ्तारियों से पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की साठगांठ का खुलासा हुआ है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस नेटवर्क पर अपनी नजर रखे हुए हैं.

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नकली नोटों के काले कारोबार का भंडाफोड़ होते हुए देख इस गिरोह से जुड़े लोगों ने इन नोटों के भारत पहुंचने वाले रूट में बदलाव किया है. जांच अधिकारियों ने बताया कि उम्दा क्वालिटी के नकली नोटों की छपाई कर उसे बाजार में उतारने तक इसकी कीमत आधी तक हो जाती है.

तीन श्रेणियों से होते हुए भारत पहुंचते है नकली नोट
दरअसल छपाई के बाद सीमापार से चलने वाली नकली नोट की छपाई की खेप तीन श्रेणियों से होते हुए भारत तक पहुंचती है. इसमें पहली श्रेणी नोटों की छपाई करने वालों की होती है. दूसरी उन लोगों की जो नोटों की भारत में सप्लाई के लिए आईएसआई व भारतीय नेटवर्क की कड़ी का काम करते हैं.

दाऊद इब्राहिम है गिरोह का सबसे बड़ा नाम
तीसरी श्रेणी में शामिल लोग देश में नकली खेप की सप्लाई पहुंचने के बाद उसे अपने भारतीय नेटवर्क व बाजार में उतारते हैं. सूत्रों की मानें तो नकली नोट के धंधे में जुड़े लोगों की आईएसआई द्वारा मदद का मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करना है. इसमें सबसे बड़ा नाम जो सामने आता है वो है अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का.

ISI की मदद से भारत में फैलाए जाते हैं नकली नोट
दाऊद इब्राहिम के साथ-साथ आतंकी संगठन भी भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. नकली नोटों की सप्लाई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने नेटवर्क के जरिए देश के विभिन्न इलाकों में करवाती है. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो भारत में नकली नोटों की सप्लाई का सरगना पाकिस्तान के लाहौर में बैठा इकबाल काना है.

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आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल भी इस रैकेट में शामिल
काना को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों से भी मदद मिलती है. इतना ही नहीं, विभिन्न आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल के लोगों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा गया है. दरअसल इकबाल काना ने आईएसआई नेटवर्क के जरिए ही भारत में नकली नोट के इस काले कारोबार को खड़ा किया है. बताते चलें कि बैंक की तरफ से नकली नोट से संबंधित मामलों की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए दिल्ली स्थित संसद मार्ग थाने को नोडल थाना बनाया गया है.

नोटबंदी के बाद बरामद हुए 27.95 करोड़ रुपये
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अब तक तकरीबन ऐसे सौ मामले दर्ज कर करीब 35 करोड़ रुपये की बरामदगी की गई है. आंकड़ों के अनुसार, नोटबंदी से पहले 5.74 करोड़ रुपये बरामद हुए थे, जबकि नोटबंदी के बाद 27.95 करोड़ रुपये बरामद किए गए. दिल्ली पुलिस नकली नोट के काले कारोबार पर रोक लगाने के लिए आईबीआई, कस्टम व इंटेलीजेंस ब्यूरो जैसी अन्य एजेंसियों की भी मदद ले रही है, ताकि आईएसआई की मदद से भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान को रोका जा सके.

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