हापुड़ जिले के पिलखुवा में पुलिस हिरासत में युवक की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया है. पिलखुवा थाना क्षेत्र में दो महीने पहले एक महिला की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया था जिसकी रविवार रात कस्टडी में मौत हो गई. आरोप है कि पुलिस ने उसका थर्ड डिग्री टॉर्चर किया. इसके बाद ग्रामीणों ने गांव से लेकर मेरठ तक हंगामा किया.
युवक को कथित तौर पर लात, मुक्का मारा गया, लकड़ी के तख्तों से पीटा गया. बिजली के झटके दिए गए और पेचकस से छेद दिया गया. एनएचआरसी ने एक बयान में कहा है कि पीड़ित का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें उसके बाएं हाथ पर गहरे चोट के निशान और शरीर पर घाव दिख रहे हैं.
आयोग ने पाया कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पुलिस हिरासत में किसी व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसके लिए राज्य के पुलिस बल की जवाबदेही बनती है. इसके बाद आयोग ने यूपी के पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया है और उनसे एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई है. डीजीपी से कहा गया है कि वे गलत पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें.
आयोग ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है और कहा है कि पीड़ित परिवार को उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए. मृतक का एक 11 साल का लड़का है जो इस घटना से आहत है, उसका भी ख्याल रखने की बात कही गई है.(एजेंसी से इनपुट)