यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद एनआईए ने शनिवार को एक सपा विधायक सहित कुल पांच लोगों से इस संबंध में पूछताछ की है. इनमें चार सफाईकर्मी हैं. पूछताछ में सपा विधायक मनोज पांडे ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है. इस बीच एटीएस ने 11 और 12 जुलाई की सीसीटीवी को फुटेज को सुरक्षित रख लिया है और आगे की जांच जारी है.
विधानसभा में आईजी एटीएस, एसएसपी एटीएस समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद हैं.
बता दें कि शुक्रवार को खतरनाक विस्फोटक का पता चला. इसकी गुत्थी सुलझती इससे पहले शनिवार को फिर संदिग्ध पाउडर से हड़कंप मच गया. हैरानी ये है कि हाई सुरक्षा जोन में सीसीटीवी कैमरे भी आंखें मूंदे नजर आए. हालांकी एनआईए जांच में जुटी है और सुस्त पड़ी क्वीक रिस्पॉस टीम मॉक ड्रिल में जुटी है. वहीं इन सबके बीच जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना महसूद अजहर का ऑडियो संदेश जारी हुआ है, जिसमें उनसे पीएम मोदी और सीएम योगी पर जहर उगला है निशाना बनाने की बात कही है.
विधानसभा के बाहर एक मॉक ड्रिल हुआ. जिसमें आपात हालात से निपटने के लिए पुलिस की तैयारी का जायजा लिया गया. आग लगने की हालत में या किसी और हादसे के बाद के हालात को काबू करने की तैयारी के लिए ये मॉक ड्रिल किया गया.
विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर
वहीं एटीएस और एनआईए को जांच के दौरान पाउडर मिला. पाउडर को जांच के लिए भेजा गया है. जांच कर रही यूपी एटीएस और एनआईए की टीम को शुक्रवार रात तलाशी के दौरान ये पाउडर मिला है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये विस्फोटक है या नहीं, जिसे जांच के लिए भेज दिया गया है. जहां विस्फोटक मिलने के बाद सुरक्षा की पोल की परते एक के बाद एक खुलती जा रही हैं. मामले की जांच कर रही टीम को विधानसभा के अंदर लगे कई कैमरे खराब मिले हैं. वहीं सीसीटीवी की निगरानी के तरीके भी अब सवालों के घेरे में हैं.
CCTV कैमरों का खस्ताहाल
विधानसभा की कॉरिडोर में लगे सीसीटीवी के कई कैमरे खराब पाए गए हैं. वहीं हॉल में लगे 6 कैमरे काम तो कर रहे थे, लेकिन वो कैमरे तब ही चलाए जाते हैं जब विधानसभा की कार्रवाई शुरू होती है. जैसे ही हॉल का गेट बंद होता है कैमरे बंद कर दिए जाते हैं. यानी रात को और सुबह के वक्त हॉल की निगरानी कैमरे से नहीं की जाती. यही वजह है कि जिस जांच टीम को सीसीटीवी से बड़ी उम्मीद थी उसके हाथ कुछ नहीं लगा है.
दोबारा होगी जांच
12 जुलाई को विधानसभा में मिले विस्फो ट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मामले को सुरक्षा में बड़ी चूक बताया था. जिसकी पोल जांच टीम ने खोल दी है. यूपी की विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए और यूपी एटीएस की टीम को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच में एनआईए को शामिल करने की बात रखी थी. दोनों टीमों ने विधानसभा के चप्पे-चप्पे को खंगाला. जिसमें सीसीटीवी के खराब होने की बात सामने आई. वहीं जांच टीम एक बार फिर विस्फोटक का पूरी तरह से परखना चाहती है. सुरक्षा एजेंसियां विधानसभा में मिले पाउडर की दोबारा जांच हैदराबाद के CFL से कराना चाहती है. राज्य की फॉरेंसिक टीम ने इसे खतरनाक विस्फोटक PETN करार दिया है.
जैश का जहरीला वीडियो
यूपी विधानसभा में खतरनाक विस्फोटक के बीच जैश का जहरीला वीडियो सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के सीएम योगी को निशाना बनाया गया है. अमरनाथ यात्रियों पर हमले के तीन पहले जारी इस आंतकी वीडियो को खुद जैश सरगना ने जारी किया. पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहे जैश-ए-मुहम्मद ने संदेश और ऑडियो जारी कर प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी दी है. जैश सरगना मसूद अजहर के पेन नेम सादी के हवाले से जारी इस धमकी में सीधे-सीधे मोदी और योगी को सबक सिखाने की गीदड़भभकी दी गई है.