राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पटना कोर्ट में बड़ा खुलासा किया है. एनआईए ने चार्जशीट में बताया कि बीते महीनों भारत में आतंकवाद से जुड़े जो रेल हादसे हुए हैं, उनकी साजिश कराची में ही रची गई थी. कराची मॉड्यूल के निशाने पर भारत के सरकारी दफ्तर थे. इस प्लानिंग का मास्टरमाइंड आतंकी शेख सफी को बताया गया है.
एनआईए ने पटना कोर्ट में ट्रेन हादसों के मामले में चार्जशीट दाखिल करते हुए सनसनीखेज खुलासा किया. चार्जशीट के मुताबिक, बिजनेसमैन शमशुल हूदा की मुलाकात दुबई में आतंकी शेख सफी से हुई थी. जिसके बाद सफी ने शमशुल हूदा को टेरर का नया मॉड्यूल खड़ा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. शेख सफी ही आतंक के आकाओं से मिलवाने के लिए उसे कराची लेकर गया था.
वहीं आतंकी हमले की साजिश रची गई. शमशुल हूदा ने इस साजिश में बिहार और नेपाल के कुछ लोगों को पैसों का लालच देकर शामिल किया था. कराची मॉड्यूल की नजर भारत के सरकारी दफ्तरों पर भी थी. इस मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों ने दुबई, नेपाल और मलेशिया में आतंकियों के साथ मीटिंग की थी.
मीटिंग में भारतीय रेलवे और सरकारी दफ्तरों पर आतंकी हमलों की साजिश रची गई. बताते चलें कि बीते दिनों हूदा को दुबई में गिरफ्तार कर नेपाल डीपोर्ट किया गया था. हूदा से पूछताछ के दौरान कई अहम सबूत और एक ऑडियो क्लिप भी एनआईए के हाथ लगी. क्लिप में आतंकियों की बातचीत रिकॉर्ड हुई थी, जिसमें वह लोग बिहार में रेल की पटरियों और रेलवे ब्रिज पर बम रखने की साजिश रच रहे थे.
इसी प्लानिंग को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने बिहार के घोड़ासहन में रेलवे ब्रिज पर बम प्लांट भी किया था, लेकिन वक्त रहते पुलिस को इसकी भनक लग गई और बड़ा हादसा होने से टल गया. एनआईए ने इस मामले में बिहार से दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि, आतंकी शेख सफी अभी पकड़ में नहीं आ पाया है. कराची मॉड्यूल और शेख सफी का स्लीपर सेल नेटवर्क भारत में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है. एनआईए फिलहाल मुंबई, बिहार, यूपी और आंध्र प्रदेश के कई ट्रेन डीरेलमेंट मामलों की जांच कर रही है.