अरुणाचल प्रदेश के निदो तानिया हत्या मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 4 आरोपियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, 'दोषियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. फरमान को 10 साल जेल और 20 हजार रुपये जुर्माना, पवन और सुंदर को 7 साल की जेल और 20 हजार रुपये जुर्माना और सन्नी उप्पल को 3 साल की जेल व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई है.'
निदो तानिया हत्या मामले में दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने 28 फरवरी 2014 को यह मामला सीबीआई के हवाले कर दिया. सीबीआई ने इस केस को अपने हाथों में लेकर जांच शुरू की. यह आरोप लगाया गया था कि अरुणाचल प्रदेश के एक विधायक के बेटे निदो तानिया पर 29 जनवरी, 2014 को नई दिल्ली के लाजपत नगर में एक समूह ने हमला किया था. अगले दिन उनकी मौत हो गई थी.
दिल्ली के एम्स में डॉक्टरों के एक पैनल ने तानिया का पोस्टमार्टम किया था. इसमें पता चला था कि किसी कुंद हथियार से उनके ऊपर हमला किया गया. सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि निदो तानिया अपने तीन दोस्तों के साथ लाजपत नगर में रुके थे. घटना वाली रात एक डेयरी शॉप पर रास्ते की जानकारी लेने के लिए उन्होंने आसपास के लोगों से बात की. लोगों ने जानकारी देने के बजाए उन्हें शर्मिंदा किया.
पूरी जांच के बाद यह पता चला कि निदो तानिया पर हमले में 3 किशोर सहित 7 लोग शामिल थे. चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दिल्ली की एक अदालत में दायर की गई थी. किंग्सवे कैंप स्थित किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष तीन लड़कों के खिलाफ एक रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली के सभी चार आरोपियों को गैर इरादतन हत्या, गैरकानूनी ढंग से बंधक बनाने और एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत अपराध के लिए आरोपित किया था. 3 लड़कों के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में आगे की कार्यवाही चलाई जाएगी. साल 2014 के चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी ने इस हत्या का मामला उठाया था और काफी आलोचना की थी. उन्होंने मांग की थी कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा सुनाई जानी चाहिए.