निर्भया के गुनहगार पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया है. अब गुनहगारों की फांसी की तारीख याना डेथ वारंट जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक, दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन को 14 दिन का नोटिस मिलेगा. इससे साफ है कि 14 दिन के बाद ही दोषियों को फांसी मिल सकती है.
दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया के वकील ने आज पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर किया है. कोर्ट से गुनहगारों का नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की गई है. हालांकि, अभी भी पवन अपनी दया याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है. जैसा बाकी दोषियों ने किया था. फिलहाल, पवन के पास भी कानून विकल्प बचे थे, जो खत्म हो चुके हैं.
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हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
इससे पहले निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों से संबंधित एक याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस याचिका में चारों दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति का पता लगाने की अपील की गई थी. इस याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने के लिए कहा गया है कि वह चारों दोषियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति का पता लगाएं.
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मानवाधिकार आयोग से करें संपर्क
कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाने के बजाय सीधे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका पर कोर्ट के किसी निर्देश की आवश्यकता नहीं है, इसीलिए हम इस याचिका को खारिज कर रहे हैं.
तीन डेथ वारंट पर रोक
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 मार्च के लिए जारी किए गए तीसरे डेथ वारंट पर रोक लगा दी थी. डेथ वारंट रद्द करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि फांसी से पहले दोषी को अधिकार है कि वो सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सके. ये सुनिश्चित करना कोर्ट का काम है, इसलिए 3 मार्च तक होने वाली फांसी अगले आदेश तक टाली जाती है. इससे पहले 22 जनवरी और 1 फरवरी को फांसी देने की तारीख तय की गई थी.