निर्भया का वह नाबारिग अपराधी छूट जाएगा, जिसने उसे सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी रिहाई रोकने से मना कर दिया. हालांकि हाई कोर्ट ने इसका अंतिम फैसला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड पर ही छोड़ दिया कि उसका किया जाए. वह 20 दिसंबर को जुवेनाइल सेंटर से रिहा होना है.
पिता बोले- लड़ाई अभी जारी है
हाई कोर्ट का फैसला सुन निर्भया की निराश हो गईं. बोलीं- कुछ नहीं बदला. हमारे सारे प्रयास बेकार गए. वहीं, पिता ने कहा कि हम कोर्ट से बड़े नहीं, लेकिन इस फैसले से हम बेहद दुखी हैं. लेकिन हमारी लड़ाई यहीं खत्म नहीं हो जाती. यह लड़ाई अभी जारी रहेगी.
HC refuses to stay release of 2012 gangrape case juvenile convict.
— ANI (@ANI_news) December 18, 2015
केंद्र सरकार की यह दलील
स्वामी से पहले केंद्र सरकार भी रिहाई के लिए मना कर चुकी है. केंद्र सरकार ने कोर्ट से अपील की है कि उस अपराधी की रिहाई टाल दी जाए. केंद्र का कहना है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे रिहा किए जाने से समाज को खतरा है.
मां भी कर चुकी है मना
निर्भया की मां भी अपील कर चुकी है कि उस अपराधी की रिहाई न की जाए. वह 20 साल का हो चुका है और जुवेनाइल सेंटर से 20 दिसबंर को उसकी रिहाई होनी है. सूत्रों के मुताबिक उसकी रिहाई से पहले शनिवार को निर्भया के माता-पिता भी दिल्ली पहुंच रहे हैं.
दिल्ली सरकार के पास है प्लान
यदि इस नाबालिग अपराधी की रिहाई होती है तो दिल्ली सरकार के पास वैकल्पिक प्लान भी है. महिला और बाल कल्याण विभाग ने उसे सिलाई मशीन और 10 रुपये देने की योजना बनाई है, ताकि वह सिलाई का काम कर अपना गुजारा कर सके.