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न्याय में देरी..! एक और 'निर्भया' कर रही है अपने कातिलों की फांसी का इंतजार

निर्भया गैंगरेप केस से ठीक 10 महीने पहले दिल्ली के द्वारका की रहने वाली सोनम (बदला हुआ नाम) की गैंगरेप के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. सोनम का परिवार आज भी इंसाफ के लिए न्याय के दरवाजे पर टकटकी लगाए हुए कातिलों की फांसी का इंतजार कर रहा है.

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सोनम के माता-पिता सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं
सोनम के माता-पिता सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं

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फास्ट ट्रैक कोर्ट का मतलब क्या है? इस कोर्ट का मकसद उन मामलों में जल्द फैसले सुनाना है, जिनमें जनता का आक्रोश सड़कों पर नजर आता है. न्याय के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन किए जाते हैं या फिर किसी भी घटना का मीडिया ट्रायल हो रहा हो. निर्भया गैंगरेप केस से ठीक 10 महीने पहले दिल्ली के द्वारका की रहने वाली सोनम (बदला हुआ नाम) की गैंगरेप के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. सोनम का परिवार आज भी इंसाफ के लिए न्याय के दरवाजे पर टकटकी लगाए हुए कातिलों की फांसी का इंतजार कर रहा है.

क्या था मामला
9 फरवरी, 2012 यानी निर्भया गैंगरेप केस से लगभग 10 महीने पहले द्वारका की रहने वाली सोनम (19) गुड़गांव स्थित अपने दफ्तर से घर लौट रही थी. दफ्तर की कार में उसके तीन सहकर्मी भी साथ थे, जो द्वारका के कुतुब विहार इलाके के रहने वाले थे. घर के पास गलियां संकरी होने के कारण सोनम कार से उतर गई और पैदल घर जाने लगी.

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तभी वहां से गुजर रही एक कार में सवार तीन युवक सोनम के साथ छेड़खानी करने लगे. अचानक युवकों ने सोनम को जबरन कार में खींच लिया और वहां से फरार हो गए. तीन दिन तक सोनम के साथ गैंगरेप करने के बाद उन्होंने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी.

आरोपियों ने सोनम के शरीर को सिगरेट से जलाया था. इतना ही नहीं, दरिंदों ने स्क्रू ड्राइवर से उसकी आंख और चेहरे पर कई वार किए थे. जब हैवानों का इतने से भी मन नहीं भरा तो उन्होंने उस पर एसिड डाल दिया और सोनम के प्राइवेट पार्ट में टूटी हुई बीयर की बोतल डालकर उसे मरने के लिए छोड़कर वहां से फरार हो गए. चार दिन बाद हरियाणा के रेवाड़ी स्थित खेत से सोनम की लाश मिली थी.

दोषियों को मिल चुकी है फांसी की सजा
पुलिस ने केस की जांच शुरू की और जल्द ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. मृतका के पिता कुंवर सिंह नेगी (55) ने इंसाफ के लिए जंतर-मंतर पर अनशन भी किया. तकरीबन दो साल बाद यानी 13 फरवरी, 2014 को ट्रायल कोर्ट ने आरोपी राहुल, रवि और विनोद को जघन्य अपराध का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई.

अगस्त, 2014 में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दोषियों की फांसी की सजा को सही ठहराया. जिसके बाद दोषी फांसी की सजा की माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट गए. पिछले दो साल से भी ज्यादा वक्त से दोषियों की सजा पर मुहर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. पीड़ित परिवार की मानें तो अभी तक इस केस में एक बार भी सुनवाई नहीं की गई है.

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यही वजह है कि सोनम के माता-पिता पिछले पांच साल तीन महीने से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं. निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखे जाने के बाद उनकी उम्मीदें बढ़ गईं हैं. 55 वर्षीय सोनम के पिता कुंवर सिंह नेगी कहते हैं, 'मेरी यही प्रार्थना है कि तीनों दरिंदों को भी जल्द से जल्द फांसी देनी चाहिए.'

हर पीड़ित को जल्द मिलना चाहिए इंसाफ
सोनम गैंगरेप केस को क्रूर और विकृत प्रकृति का बताते हुए पीड़ित परिवार की वकील चारू वली खन्ना कहती हैं कि 'सभी पीड़ित इंसाफ के हकदार हैं. सभी पीड़ितों को समान तरीके से जल्द इंसाफ मिलना चाहिए. जो केस मीडिया में चर्चित हो जाते हैं सिर्फ उन्हें ही जल्द इंसाफ नहीं मिले, ऐसा सुनिश्चित किया जाना चाहिए.'

सोशल एक्टिविस्ट योगिता भयाना कहती हैं कि 'सोनम गैंगरेप केस में मीडिया ट्रायल नहीं हुआ, जनता सड़कों पर नहीं आई तो क्या पीड़ित परिवार के साथ जल्द इंसाफ नहीं किया जाना चाहिए. इंसाफ सभी के साथ किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द किया जाना चाहिए.'

हाई कोर्ट ने भी दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए कहा था, 'यह कोई साधारण केस नहीं है. इस जघन्य अपराध को हरगिज नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. दोषियों ने जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया, इससे जान पड़ता है कि वह लोग सड़क पर शिकार की तलाश में निकले थे.'

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'जिस तरह से दोषियों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता को दर्द दिया, उसके शरीर को क्षत-विक्षत किया, ये हरगिज इंसानों का काम नहीं हो सकता. यह एक सनकी और विचित्र प्रकृति का अपराध है. अपराधों के इतिहास में यह घटना आम नहीं हो सकती. लिहाजा दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा जाता है.'

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