नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में दोषी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुना दी गई. इस कांड में नर पिशाच के नाम से कुख्यात सुरेंद्र कोली को 7वीं बार मौत की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानते हुए दोनों दोषियों को मरते दम तक फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि दोषी सुरेंद्र कोली अपने मालिक मनिंदर सिंह पंढेर की कोठी डी-5 में लड़कियों और महिलाओं को बहला-फुसलाकर बुलाता. निर्दयी बनकर उनके साथ रेप करता. उनकी हत्या कर शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देता. कई बार वह शव के साथ भी शारीरिक संबंध बनाता. उनके मांस को खाता था.
नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी
बताया जाता है कि सुरेंद्र कोली नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित था. यह बीमारी दुनिया की सबसे खतरनाक सेक्स विकृति मानी जाती है. ग्रीक में 'नेक्रो' का मतलब 'शव' और 'फीलिया' का मतलब 'प्यार' होता है. इस तरह 'नेक्रोफीलिया' का मतलब 'मरे हुए लोगों के साथ सेक्स करके आनंद हासिल करना' होता है.
शव के प्रति होता है सेक्स आकर्षण
इस विकृति से पीड़ित व्यक्ति शव के प्रति सेक्स आकर्षण महसूस करता है. वह पहले लड़की या औरत की हत्या करता, फिर उसके शव के साथ शारीरिक संबंध बनाता है. भारत में इस तरह की विकृति तंत्र साधना करने वालों में देखी जाती है, जो बहुत ही कम है. विदेशों में नेक्रोफीलिया ग्रसित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है.
डी-5 कोठी में साथ रहते थे कोली-पंढेर
बताते चलें कि साल 2003 में सुरेंद्र कोली अपने मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर के संपर्क में आया था. वह नोएडा सेक्टर-31 में स्थित उसकी कोठी डी-5 में काम करता था. 2004 में पंढेर का परिवार पंजाब चला गया. इसके बाद वह और कोली साथ में कोठी में रहने लगे. इस बीच पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं.
पंढेर के घर आती-जाती थीं कॉलगर्ल
इस दौरान सुरेंद्र कोली कोठी के गेट पर नजर रखता था. पंढेर का असर कोली पर भी पड़ना शुरू हो गया. उसके अंदर भी इच्छाएं जगने लगी. वह भी शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करता, लेकिन दुर्बलता की वजह से ऐसा नहीं कर पाता. इस वजह से उसके अंदर विकार आने लगा. वह कोठी से गुजरने वाले बच्चों का शिकार करने लगा.
शव के साथ बनाता शारीरिक संबंध
बताया जाता है कि वह लालच देकर छोटी-छोटी बच्चियों से लेकर महिलाओं तक को कोठी में बुलाता. उनके साथ रेप करने की कोशिश करता. उनकी हत्या करके उनसे शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करता. शव के टुकड़े-टुकड़े करके घर में फेंक देता. उनका सिर सजा कर रखता था. उसके घर से निकले वाली नाली खून से लाल रहती.
जमानत पर है मोनिंदर सिंह पंढेर
हालांकि, निठारी गांव के लोगों का कहना है कि पंढेर की कोठी से शरीर के अंगों का व्यापार होता था. उनका कहना है कि वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे. उसे विदेशों में बेंचा जाता था. इस कांड में सजा पाया सुरेंद्र कोली इस समय जेल में है. उसको छह बार पहले ही सजा-ए-मौत मिल चुकी है, लेकिन पंढेर जमानत पर है.