उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस के हाथ एक जालसाज लगा है. यह जालसाज हजारों किलोमीटर बैठे विदेशी नागरिक से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है. ठगी का शिकार अमेरिकी नागरिक की शिकायत के बाद पुलिस पतासाजी करते हुए आरोपी तक पहुंची और उसे धरदबोचा. अमेरिका में कैलिफोर्निया के रहने वाले फिलिप ने नोएडा पुलिस को शिकायत दी थी कि एक शख्स ने सॉफ्टवेयर डेवलप करने के नाम पर पिछले एक साल में उससे एक करोड़ रुपए से ज्यादा रुपये ले लिए, लेकिन सॉफ्टवेयर डेवलप कर नहीं दिया.
फिलिप की शिकायत पर नोएडा सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. जांच में पुलिस को पता लगा कि फिलिप को आरोपी ने अपने बारे में जो भी जानकारी दी गई थी वह सारी गलत थी. यहां तक की आधार कार्ड में भी आरोपी ने गलत जानकारी दर्ज करा रखी थी. इस बीच टेक्निकल सर्विलांस के जरिये पुलिस सेक्टर-2 में ज्ञानरंजन नाम के शख्स तक पहुंच गई. बिहार के भागलपुर का रहने वाला ज्ञानरंजन फिलहाल ग्रेटर नोएडा के एक्जोटिका ड्रीमविले में रह रहा था.
जांच में पता चला कि ज्ञान रंजन ही विदेश में बैठे लोगों से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में इस बात का पता लगा कि ज्ञानरंजन अपना असली नाम छुपाकर फर्जी दस्तावेज से आधार कार्ड तैयार कर लोगों को ठग कर रहा था.
पुलिस का कहना है की ज्ञानरंजन लोगों से उच्च क्वालिटी और यूनीक तरह के सॉफ्टवेयर डेवलप करने की बात कहता और इस नाम पर लोगों से बड़ी रकम वसूलता था.पुलिस को शक है कि उसने अब तक और कई लोगों को अपना शिकार बनाया है. पुलिस ज्ञानरंजन के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई में जुटी है.