नोएडा शहर अब फर्जी कॉलसेंटर का हब बनता जा रहा है. पिछले कई सालों से नोएडा मे फर्जी कॉलसेंटर के जरिए लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है. इन फर्जी कॉलसेंटरों के जरिए सबसे ज्यादा विदेशी लोगों को ठगा जाता है. पुलिस सूचना के आधार पर इन फर्जी कॉलसेंटर पर छापे भी मारती रही है. पुलिस ने एक बार में हजार आरोपियों तक को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन फेक कॉलसेंटर का ये गोरखधंधा थमा नहीं है.
इन फर्जी कॉलसेंटरों पर लगाम लगाने के लिए नोएडा पुलिस अब इंटरनेशनल मदद ले रही है. नोएडा पुलिस ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई और कनाडा पुलिस के साथ मिलकर कई बैठकें की.
यूं चूना लगाते हैं जालसाज
दरअसल सबसे ज्यादा कनाडा और अमेरिका के लोगों को फर्जी कॉलसेंटर चलाने वाले जालसाज अपना शिकार बनाते हैं. इन कॉलसेंटर की मॉडस ऑपरेंडी भी काफी यूनीक होती है. ये लोग विदेश में बैठे लोगों के कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक वायरस पॉप अप भेजते हैं. इसके बाद कम्प्यूटर धीमा हो जाता है. इसके बाद ये ठग उस शख्स को कम्प्यूटर पर वायरस अटैक का मैसेज भेजते हैं.
ये शातिर साइबर ठग थोड़ी देर बाद इन लोगों को सर्विस मैन का नंबर वायरस ठीक करने के लिए भेजते हैं. जब पीड़ित शख्स उस वायरस को दूर करने के लिए कॉल करता तो ये कॉल सीधा नोएडा के इन फर्जी कॉलसेंटर में आती. इसके बाद आरोपी जालसाज इस वारयस को ठीक करने के नाम पर कम्प्यूटर को रिमोट पर ले लेते. फिर इन्हें बताया जाता कि इनके कम्प्यूटर में कई तरह के वायरस है. फिर इस वायरस को दूर करने के नाम पर उनसे डॉलरों में पैसे ठग लेते.
टैक्स चोरी का खौफ दिखाकर ठगी
ये जालसाज कई लोगों को फोन कर कहते कि वे कनाडा या अमेरिकी पुलिस के अधिकारी हैं, और उन्होंने टैक्स की चोरी की है. जांच और जुर्माने का डर दिखाकर भी ये लोगों से अपने खातों में पैसे मंगवाकर लाखों रुपये ऐंठ लेते.
फ्री वैकेशन का लालच
टैक्स चोरी के अलावा ये लोगों के डिटेल निकालकर उन्हें फोन कर कहते कि आपने सरकार को अच्छा टैक्स दिया है और आपको एक फ्री वैकेशन टूर मिल रहा है. फ्री टिकट और पैकेज का लालच देकर ये लोग सर्विस फीस के रूप में कुछ पैसा अपने दिए हुए अकाउंट में मंगवा लेते.
आईट्यून कार्ड के जरिए ये हवाला कारोबार
सबसे बड़ी बात ये कि आईट्यून कार्ड के जरिए ये ठग हवाला का काम भी करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये ठग आईआरएस स्कीम के तहत तमाम तरह के रिटायरमेंट और सेविंग प्लान और लोन प्लान का लालच देकर मोटी रकम प्रोसेसिंग फीस के तौर पर लेकर भी गायब हो जाते हैं.
इन जालसाजों को पकड़ने के लिए ही नोएडा पुलिस ने एफबीआई और कनाडा पुलिस के साथ मीटिंग्स की. इस दौरान तीनों देशों की पुलिस के बीच कई सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ. फर्जी क़ॉलसेंटर चलाने वाले ये जालसाज सबसे ज्यादा शिकार बुजुर्ग और अकेले रहने वाले लोगों को बनाते हैं. ये लोग कॉल करने के लिए वीओआईपी का इस्तेमाल करते हैं इसलिए इन तक पहुंचना लगभग नामुमकिन होता है.