scorecardresearch
 

ऑपरेशन घुसपैठ: अनोखे तरीके से सीमा पर होती है तस्करी

बीएसएफ के जवानों को खुफिया रिपोर्ट मिली कि भारत और पाकिस्तान की सीमा पर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर ड्रग्स की एक बड़ी खेप भेजी जानी है. बीएसएफ के पास पुख्ता जानकारी थी कब कहां इसे अंजाम दिया जाएगा.

Advertisement
X
तस्कर 440 वोल्ट के फेंस से भी नहीं डरते
तस्कर 440 वोल्ट के फेंस से भी नहीं डरते

Advertisement

पाकिस्तान ना सिर्फ भारत में आतंक की पौध को खाद पानी देता है बल्कि हमारे समाज में नौजवानों को बरगलाने और उन्हें नशे के अंधेरी दुनिया में गर्त करने का मंसूबा भी रखता है. पहली बार बीएसएफ ने पाकिस्तानी तस्करों के सीमा पार नशे की खेप भेजने के अनोखे तरीके का पता लगाया. ये पता चला है कि तस्कर 440 वोल्ट के फेंस से भी नहीं डरते हैं.

बीएसएफ के जवानों को खुफिया रिपोर्ट मिली कि भारत और पाकिस्तान की सीमा पर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर ड्रग्स की एक बड़ी खेप भेजी जानी है. बीएसएफ के पास पुख्ता जानकारी थी कब कहां इसे अंजाम दिया जाएगा. बस जानकारी नहीं थी तो ये कि तस्कर इसे कैसे अंजाम देंगे. जब मौके पर बीएसएफ की टीम पहुंची तो वो दिखा जो पहले कभी नहीं दिखा था.

Advertisement

बीएसएफ के जवानों को एक पाइप दिखाई दी. उस पाइप के जरिए अरबों के ड्रग्स और हथियार भारत में खपाए जाते हैं. बीएसएफ के जवान ने पाइप के अंदर हाथ डाला तो लाल कपड़ों की छोटी थैली हाथ लगी. हर थैली एक दूसरे से गुत्थी हुई थी. बाहर खींचने पर पूरा का पूरा माल निकलते गया. इस तरह नशे की पूरी पोटली बीएसएफ के हाथ लग गई.

कटीले तारों में दौड़ती है हाईवोल्टेज बिजली
भारत और पाकिस्तान के बीच लगे कटीले तारों के बीच में ये पाइप डाली जाती है. ये पाइप प्लास्टिक की होती है. इससे कटीले तारों में दौड़ रही बिजली का कोई असर नहीं होता. पाइप में ड्रग्स, नकली नोट और हथियारों का जखिरा भरा होता है. सीमा के इस पार खड़े नेटवर्क का शख्स जो कि बीएसएफ जवान या फिर और कोई तस्कर होता है बड़ी आसानी से इस खेप को निकाल लेता है.

जबरदस्त चौकसी के बावजूद होती है घुसपैठ
भारत-पाक को बांटती 3 हजार 323 किलोमीटर लंबी सीमा की चौकसी है. पाकिस्तानी फौज, पाक रेंजर्स, आतंकियों की टोली और तस्करों का पूरा नेटवर्क भारत की जमीन को अपने मंसूबे के लिए इस्तेमाल करना चाहता है. लिहाजा चौकसी और जबरदस्त इंतजामों के बावजूद भी घुसपैठ होती है. हाल में हुए बीएसएफ के जवानों की गिरफ्तारी ने तस्करों के पूरे नेटवर्क और घुसपैठ कराने के तरीके पर से पर्दा उठाया है.

Advertisement

फुल प्रूफ साजिश के तहत होती है तस्करी
बीएसएफ के गिरफ्तार जवानों ने जब राज उगले तो सुरक्षा एजेंसियों का सच से सामना हुआ कि कैसे एक फुल प्रुफ साजिश के तहत तस्करी को अंजाम दिया जाता था. सबसे पहले पाकिस्तान में बैठा तस्कर पाकिस्तानी नंबर पर फोन करता है. ये नंबर सीमा पर तैनात आरोपी बीएसएफ जवान के पास होता है. पाकिस्तानी हैंडलर बीएसएफ जवान की तैनाती का लोकेशन जानना चाहता है.

गूगल मैप से साझा करते हैं लोकेशन
पाक हैंडलर पूछते है कि तुम्हारे सामने पाकिस्तान का कौन सा सुरक्षा चौकी दिख रहा है. बीएसएफ का जवान उस पोस्ट की जानकारी देता है. इसके बाद ये पता चल जाता है कि बीएसएफ का जवान कहां तैनात है. यदि सामने पोस्ट नहीं होता तो जवान गूगल मैप के जरिए अपने लोकेशन की जानकारी साझा करता है. इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलरों के लिए काम बेहद आसान हो जाता है.

पाकिस्तानी सिम का होता है इस्तेमाल
वह उस जगह पहुंच कर मौके का इंतजार करने लगते हैं. सीमा के इस पार तैनात जवान को भी सभी जानकारी होती है. क्योंकि उसके पास पाकिस्तान के मोबाइल फोन का सिम होता है. दोनों लगातार बात करते रहते हैं.. इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलर बीएसएफ जवान की तैनाती की जगह पर सीमा के उस पार छुपा रहता है. जैसे ही सुरक्षा टावर की नजर हटी कि समानों से भरे जखीरे को इस पार फेंक देता है.

Advertisement
Advertisement