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ऑपरेशन प्रहार से दहले नक्सली, 56 घंटे में 24 ढेर, 3 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के बस्तर में 56 घंटे चले ऑपरेशन प्रहार में 24 से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षा बलों के जवानों ने मार गिराया. इस ऑपरेशन में 3 जवान शहीद हुए और 7 जवान घायल हुए. डीजी (नक्सल) डी.एम. अवस्थी ने रायपुर में और आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बस्तर में कार्रवाइयों की जानकारी दी.

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छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में ऑपरेशन

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में 56 घंटे चले ऑपरेशन प्रहार में 24 से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षा बलों के जवानों ने मार गिराया. इस ऑपरेशन में 3 जवान शहीद हुए और 7 जवान घायल हुए. डीजी (नक्सल) डी.एम. अवस्थी ने रायपुर में और आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बस्तर में कार्रवाइयों की जानकारी दी.

पुलिस के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कमांडर भी शामिल हो सकते हैं. इस ऑपरेशन ने नक्सलियों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. रविवार को बीजापुर के तररेम में हुए दो आईईडी विस्फोट में 3 जवान घायल हुए, तो एक जवान के पैर में गोली लगी, जिसको रेस्क्यू किया गया है.

पुलिस अधीक्षक के.एल. ध्रुव ने बताया कि आईईडी विस्फोट कर भाग रहे एक नक्सली को कैसे जवानों ने मौके पर ही मार गिराया. इस ऑपरेशन को एसटीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया. इसे दो जिलों बीजापुर और सुकमा में एक साथ शुरू किया गया है.

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आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ कि सुरक्षाबल तोंडामरका तक पहुंचने में कामयाब रहे. तोंडामरका को नक्सलियों की मांद माना जाता है, जहां आज तक सुरक्षाबल नहीं पहुंच पाए थे. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ऑपरेशन की समाप्ति पर जवानों के शौर्य की जमकर तारीफ की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पूरी रणनीति बनाकर ऑपरेशन चला रही है. इनकी सीधी लड़ाई नक्सलियों से है. पहली बार हमारे जवान इतने अंदर तक गए हैं. ये इलाका नक्सली लीडर हिड़मा का है. जवानों की शहादत पर उन्होंने कहा कि हमसे ज्यादा नुकसान उनका हुआ है. नक्सली नेता गणेश उइके बच निकला है.

बीजापुर और दंतेवाड़ा की ज्वाइंट फोर्स डोडी तुमनार जंगल में गणेश उइके को घेरने चार दिन से डेरा डाला था, लेकिन कैंप में पुलिस पहुंचने से पहले वह फरार हो गया. नक्सलियों का थिंक टैंक माना जाने वाला गणेश उइके ने एक बार फिर फोर्स को चकमा दिया. इससे पहले भी उसे बैलाडिला में घेरा गया था.

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