इस दुनिया में आज हर नौजवान पढ़कर लिखकर अफसर, डॉक्टर और इंजीनियर बनने का ख्वाब देखता है. लेकिन दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है. जो गैंगस्टर बनना चाहता है. उसे खुद को भाई कहलाने का शौक भी है. इसी के चलते उसने कुछ ऐसी वारदातों को अंजाम दे डाला, जो उसके जेल जाने का सबब बन गई.
इस शख्स की कहानी बताने से पहले आपको 7 दिन पीछे ले चलते हैं. वो 23 जून का दिन था. एक शख्स को डराने के मकसद से बाहरी दिल्ली के नरेला इलाके में गोली चलाई गई थी. इसी दौरान हमलावर बदमाश पीड़ित को एक पर्ची थमा कर भाग गए थे. उस पर्ची में 3 बदमाशों के नाम लिखे थे. जिनमें अक्षय, नरेश सेठी और सचिन भांजा का नाम शामिल था.
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बदमाशों ने पर्ची में लिखा था कि अगर उसने 1 करोड़ रुपये नहीं दिए तो गोली मार दी जाएगी. पीड़ित ने इस बात की सूचना पुलिस को दी थी. तभी से पुलिस इन तीनों बदमाशों की तलाश कर रही थी. पुलिस के मुताबिक पर्ची में जिन तीनों आरोपियों के नाम थे, हमलावर बदमाश उन्होंने ही भेजे थे. इस मामले की तफ्तीश के दौरान आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस को अपनी लोकल इंटेलिजेंस से पता चला कि अक्षय सोनीपत और दूसरे बदमाश आसपास के इलाकों में रहते हैं.
पुलिस को छानबीन में ये भी पता चला कि आरोपियों का संबंध कुख्यात बदमाश अक्षय पालड़ा के गिरोह से था. पुलिस उनकी तलाश में जुटी ही थी कि रवि के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई. पुलिस को पता चला कि रवि आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट इलाके में आने वाला है. पुलिस ने घात लगाकर उसे दबोच लिया. दरअसल, रवि ही वो शख्स था, जिसने मोटरसाइकिल पर आकर शिकायतकर्ता के घर के बाहर गोली चलाई थी.
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यही नहीं, उसी दिन रवि ने अपने एक साथी के साथ मिलकर बाबा हरिदास नगर में भी एक दूसरे पीड़ित को धमकाया था. और उससे 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. पुलिस को पूछताछ में पता चला कि रवि दरअसल पहलवान है. वह गैंगस्टर बनना चाहता था. उसे यह अच्छा लगता था कि लोग उसको भाई बोलें या इसी नाम से बुलाएं, इसी मकसद से उसने अक्षय पालड़ा का गैंग ज्वाइन किया था.