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इलाज के दौरान अस्पताल से भागे जवाहर बाग के 15 घायल अतिक्रमणकारी

मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा के बाद एक बार फिर यूपी पुलिस की लापरवाही सामने आई है. बीते दिनों जवाहर बाग में हुई हिंसा में घायल अतिक्रमणकारी इलाज के बीच में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के वार्ड से भाग निकले.

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घायलों में कुछ आग से जले थे और कुछ को गोलियां लगी थी
घायलों में कुछ आग से जले थे और कुछ को गोलियां लगी थी

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मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा के बाद एक बार फिर यूपी पुलिस की लापरवाही सामने आई है. बीते दिनों जवाहर बाग में हुई हिंसा में घायल अतिक्रमणकारी इलाज के बीच में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के वार्ड से भाग निकले. जबकि वहां पुलिस ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम करने का दावा किया था.

अस्पताल से भाग निकले 15 अतिक्रमणकारी
भाग निकले 15 अतिक्रमणकारियों से पूछताछ के बाद मथुरा हिंसा मामले में कई जरूरी जानकारी मिलने की गुंजाइश थी. इस घटना के बाद अब उनसे पूछताछ और सबूतों की जांच होने से रह गई. इसके साथ ही पुलिस व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो गए.

भागने वालों में थे कम घायल लोग
एसएन मेडिकल कॉलेज के उन वार्ड में ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर्स के मुताबिक बीते दो दिनों में 15 घायल अतिक्रमणकारी एक-एक कर भाग निकले. कम घायल लोगों ने फर्स्ट एड के बाद ही वहां से किनारा कर लिया. अब वहां सिर्फ गंभीर घायल लोग ही बचे हैं.

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कमिश्नर बोले- भागने वाले आरोपी नहीं
इलाज के लिए दो तरह के घायलों को वहां लाया गया था. उनमें कुछ लोग आग से जले थे. वहीं दूसरे लोग गोली लगने से घायल हो गए थे. आगरा के डिविजनल कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि भागने वाले अतिक्रमणकारी पुलिस के गिरफ्तार किए हुए आरोपी नहीं थे. वे लोग यहां खुद चलकर इलाज के लिए आए थे. पुलिस की गिरफ्तारी के बाद यहां लाए गए दंगे के आरोपी अभी भी यहां इलाज करवा रहे हैं.

माहौल को शांत और सामान्य करने की कोशिश
भटनागर ने कहा कि प्रशासन इस बात की निगरानी रख रही है कि एक भी आरोपी बचकर नहीं जा पाएगा. जवाहर बाग हिंसा में शामिल लोगों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना ही पड़ेगा. हम माहौल को शांत और फिर से सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं.

आगरा के फॉरेंसिक लैब में हो रही है सबूतों की जांच
फॉरेंसिक जांच टीम के एक सदस्य ने बताया कि मामले में मिली गोलियों और फिंगर प्रिंट्स की जांच आगरा के लैब में की जा रही है. पुलिस पर हमला करने वाले लोगों के दूसरे हथियारों की भी जांच की जा रही है. गोलियों के निशान और जलाई गई जगहों को भी जांच में शामिल किया गया है. शवों से पोस्टमार्टम के दौरान मिली गोलियों की भी जांच की जा रही है.

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