यूपी के सीतापुर जिले में आदमखोर कुत्तों का आतंक लगातार जारी है. इस पर लगाम कसने के लिए पुलिस अपनी कमर कस चुकी है. कई बच्चों की जान जाने के बाद ड्रोन और नाइट विजन कैमरों से इलाके में नजर रखी जा रही है. पुलिस और प्रशासन ने आवारा कुत्तों को पकड़ने और मारने का काम शुरू कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, पहली घटना सीतापुर कोतवाली के गुजर ग्राम सभा के पीरपुर और बुढाना गांव में हुई. यहां आदमखोर कुत्तों ने दो बच्चों पर हमला बोल कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. घायल बच्चों को इलाज के जिला अस्पताल में लाया गया, जहां उपचार के दौरान एक 10 वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गई.
दूसरी घटना खैराबाद थाना क्षेत्र के महसिंघपुर और चौबेपुर गांव की है. यहां 6 वर्षीय गीता पर आवारा कुत्तों ने हमला बोल कर मौत के घाट उतार दिया. वहीं, चौबेपुर गांव के बाहर साइकिल से स्कूल जा रही एक किशोरी को हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. इन घटनाओं से इलाके में दहशत बानी हुई है.
सिटी मजिस्ट्रेट हर्षदेव पाण्डेय ने बताया कि आदमखोर कुत्तों से निजात पाने के लिए मथुरा से डॉग कैचर बुलाए गए हैं. उनके द्वारा अभी तक 20 से ज्यादा कुत्तों को कैद किया गया है. इन आदमखोर कुत्तों को गोला गोकर्ण नाथ के जंगलों में छोड़ा जाएगा. वैसे कुत्तों के हमले से करीब 12 बच्चों की मौत हो चुकी है.
कुत्तों के शिकार हुए बच्चे
जनवरी 2018: सीतापुर के गोविंदासराय गांव के कैलाश की 11 वर्षीय बेटी सोनम पर कुत्तों ने हमला कर दिया. बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
21 जनवरी, 2018: गुरपलिया गांव के रहीम का 12 वर्षीय बेटा मोबीन शौच के लिए गया था. कुत्तों ने हमला कर दिया. उसकी मौत हो गई.
10 फरवरी, 2018: खुरेहटा गांव के सिद्धनाथ की सात वर्षीय बेटी शगुना शौच के लिए गई थी. आदमखोर कुत्तों के हमले में शगुना की मौत हो गई.
8 मार्च, 2018: बद्रीखेड़ा गांव के मासूक अली का बेटा अरबाज मां के साथ खेत गया था. कुत्तों के हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
16 मार्च, 2018: बद्रीखेड़ा गांव के कल्लू के दस वर्षीय बेटे को आदमखोर कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मौत के घाट उतार दिया.
22 मार्च, 2018: नेवादा गांव के रसीद की 13 वर्षीय बेटी सानिया पर आदमखोर कुत्तों ने हमला करके उसकी जान ले ली थी.
27 अप्रैल, 2018: रहीमाबाद गांव के रोशनलाल की 10 वर्षीय बेटी सलोनी पर आदमखोर कुत्तों ने हमला कर दिया.