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कन्नड़ कवि के स्मारक में चोरी, पद्म पुरस्कार चुराए

कर्नाटक के शिवमोगा में पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित जाने माने कन्नड़ कवि के. वी. पुट्टप्पा के कुप्पाल्ली स्थित स्मारक में बड़ी चोरी हो गई. यहां चोरों ने सेंध लगाकर पुट्टप्पा के पद्म पुरस्कार चुरा लिए.

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जाने माने कन्नड़ कवि के. वी. पुट्टप्पा को पद्मा पुरस्कारों से नवाजा गया था
जाने माने कन्नड़ कवि के. वी. पुट्टप्पा को पद्मा पुरस्कारों से नवाजा गया था

कर्नाटक के शिवमोगा में पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित जाने माने कन्नड़ कवि के. वी. पुट्टप्पा के कुप्पाल्ली स्थित स्मारक में बड़ी चोरी हो गई. यहां चोरों ने सेंध लगाकर पुट्टप्पा के पद्म पुरस्कार चुरा लिए.

शिवमोगा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चोरों ने सीसीटीवी कैमरे के तारों को काटने के बाद लूटपाट की और पुट्टप्पा के पैतृक घर में रखे पद्म पुरस्कारों के साथ फरार हो गए. पुट्टप्पा पहले ऐसे लेखक थे जिन्हें 1967 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था. बाद में उनके पैतृक घर को ही स्मारक में तब्दील कर दिया गया है.

संग्रहालय के अधिकारी ने बताया कि अपनी कृति ‘‘कुवेम्पू’’ के लिए विख्यात पुट्टप्पा को 1958 में पद्म भूषण और 1988 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. संग्रहालय के प्रथम तल पर कांच के केस में दोनों पदकों को रखा गया था, जहां से उन्हें चुरा लिया गया.

शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक रवि चन्नावर ने बताया कि पुलिस को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से कुछ सुराग मिले हैं. जिसके आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि आरोपी जल्द ही काबू में होंगे.

चन्नावर के मुताबिक सीसीटीवी को नष्ट किए जाने से पहले के हमें कुछ फुटेज मिले हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा. माना जाता है कि चोरी सोमवार को शाम साढ़े सात से साढ़े आठ बजे के बीच हुई जब चौकीदार खाने के लिए गया था.

संग्रहालय के अधिकारियों ने बताया कि कन्नड़ साहित्य में उनके सराहनीय योगदान को दर्शाने वाली सभी रचनाएं सुरक्षित हैं. उपन्यासकार, कवि, नाटककार, समीक्षक और विचारक रहे पुट्टप्पा कर्नाटक में साहित्य से जुड़े एक प्रतिष्ठित हस्ताक्षर थे.

इनपुट- भाषा

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