राजस्थान के पोकरण में वतन से गद्दारी करने वाले पूर्व सैन्यकर्मी गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है. पूछताछ में पता चला कि पाक खुफिया एजेंसी कैसे हिंदुस्तानियों को पैसे देकर अपना भेदिया बना रही है.
पोकरण में पाक का जासूस
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का एजेंट गोवर्धन सिंह गुड्डी कभी हिंदुस्तानी फौज में जवान था. पेंशन लेने के बाद वह गांव का पटवारी बन गया. लेकिन अब वह देशद्रोही कहलाएगा. गोवर्धन ने सेना में सेवा देने के गर्व और अपनी देशभक्ति को ही मिट्टी में मिला दिया. दो साल से वह आईएसआई के लिए पोकरण में जासूसी कर रहा था. गोवर्धन भारतीय सेना की जरूरी जानकारियां आईएसआई को मुहैया कराता था और बदले में उसे मोटी रकम मिलती थी.
सूचनाएं भेजने के लिए सोशल एप का इस्तेमाल
राजस्थान के पोकरण इलाके में सेना का बहुत मुवमेंट होता है. इसी इलाके में रहकर गोवर्धन आईएसआई के लिए काम कर रहा था. सेना और एटीएस के सूत्रों से आजतक को जानकारी मिली है कि गोवर्धन वायस ऑफ इंटरनेट प्रोटोकाल यानी वीओआईपी के जरिए गोपनीय सूचनाएं सीमा पार भेजता था. इस सिस्टम को कोई एजेंसी पकड़ नहीं पाती. साथ ही ह्वाट्स एप और स्काइप के जरिए भी सेना का भेद पाकिस्तान तक पहुंचाता था. गोवर्धन ने कबूल किया कि वह आईएसआई के लिए काम कर रहा था.
हवाला के जरिए मिलता था पैसा
अगर पाकिस्तान से हवाला के जरिए आने वाले पैसे का लिंक सामने नहीं आता तो पाक एजेंट गोवर्धन सिंह का कच्चा चिट्ठा नहीं खुल पाता. उत्तर प्रदेश एटीएस को इनपुट मिला था कि पाकिस्तान से हवाला के जरिए यूपी के एक शख्स के पास हवाला के जरिए पैसे पहुंच रहे हैं. वो पैसा यूपी से राजस्थान में गोवर्धन के खाते में जमा कराया जाता था. उसके खाते में हर महीने तीस हजार रुपये जमा किए जाते थे. इसी तरह से हिंदुस्तान में पाक जासूसों के आका हवाला के जरिए पैसा भेजते थे.
जुटानी थी सैन्य अभ्यास की जानकारी
पाकिस्तान का जासूस गोवर्धन सिंह चांधन के उस सैनिक अभ्यास की जानकारी जुटाने की तैयारी कर रहा था, जो जल्द ही होने वाला है. भारतीय एजेंसियों का मानना है कि हिंदुस्तानी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अगर समय पर अलर्ट नहीं होती तो चांधन के सैनिक अभ्यास की हर जानकारी पाकिस्तान के पास पहुंच जाती. इस सैन्य अभ्यास में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी शिरकत करने वाले हैं.
दो जासूस, दो मिशन
गोवर्धन सिंह गुड्डी और बीरबल खान. ये दोनों भारत से अहम सैन्य सूचनाएं और सेना के मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तान भेज रहे थे. और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इन दोनों को दो अलग-अलग मिशन सौंपे थे. गोवर्धन गुड्डी को पोकरण के सैन्य अभ्यास की जानकारी लीक करने का मिशन सौंपा गया था तो बीरबल खान को चांधन फायरिंग रेंज से सेना की जानकारियां लीक करने का काम दिया गया था. ये दोनों जासूस भारतीय सेना के युद्धाभ्यासों, वार गेम एक्सरसाईज और दूसरी गोपनीय सामरिक सूचनाऐं पाकिस्तान को दे रहे थे.
भारत में नेटवर्क मजबूत करने की साजिश
पाकिस्तान लगातार भारत में जासूसी का नेटवर्क बढाता जा रहा है. पिछले एक साल में सरहदी इलाकों में 20 से ज्यादा जासूस पकड़े गए हैं. और इन जासूसों को फंसाया जाता है पाकिस्तान से कॉल के जरिए. ये कॉल झांसा देने वाली होती हैं. ये ऐसा लालच देते हैं कि झांसे में आकर आप अपराध की दलदल में उतर जाएं.
दोस्ती कहीं धोखा तो नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो पाकिस्तान से दोस्ती की नई मिसाल पेश करने के लिए अचानक लाहौर पहुंच गए थे लेकिन इस बात से मुंबई हमलों का गुनहगार हाफिज सईद परेशान हो उठा. रक्षा विशेषज्ञ कर्नल यू एस राठौर का मानना है कि पाकिस्तान अब अपने प्लान बी के तहत काम कर रहा है. ऐसे माहौल में पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ मिलाने में कोई हर्ज नहीं है. बस ये ध्यान रखना जरूरी है कि पाकिस्तानी हाथ में कहीं धोखे का खंजर तो नहीं है.