सेना ने एक नहीं, दो नहीं, सौ नहीं बल्कि 251 का आंकड़ा पार कर लिया है. आप सोच रहे होंगे कि हम किस आंकड़े की बातें कर रहे हैं. दरअसल, ये आंकड़ा उन आतंकियों और घुसपैठियों का है, जिन्हें भारतीय सेना ने मार गिराया है. और ये गिनती अभी रुकी नहीं है. थमेगी भी नहीं. और तब तक जारी रहेगी, जब तक सरहद के उस पार से पहाड़ियों के रास्ते हिंदुस्तान के इन दुश्मनों का आना बंद नहीं हो जाता.
सही कहें तो ये है ऑपरेशन ऑल आउट का दूसरा पार्ट, जो साल 2018 से शुरू हुआ और साल खत्म होते-होते करीब ढाई सौ पाकिस्तानी आतंकियों को जहन्नम का रास्ता दिखा चुका है. कश्मीर के इम्पोर्टेड आतंकियों का आलम ये है कि वो जैसे ही हिंदुस्तान की सरज़मीं पर क़दम रखते हैं, उन्हें वैसे ही जहन्नम पहुंचा दिया जाता है. नतीजा ये हुआ कि कश्मीर के तमाम आतंकी संगठनों में आतंकवादियों की कमी हो गई है.
भारतीय सेना के इस ताबड़तोड़ ऑपरेशन के बाद सरहद पार कोई आतंकी बनने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहा है. लिहाज़ा अब आतंक के आका हाफिज़ सईद ने गन छोड़कर पेन पकड़ लिया है. और अखबार में अपने मज़मून यानी आर्टिकल छपवा रहा है. मगर यहां भी वो युवाओं को बरगला रहा है.
अब मुंबई हमलों का ये मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का सरगना सिर्फ अपने भाषणों के ज़रिए ही नहीं बल्कि न्यूज़पेपर में कॉलम लिखकर भी आतंक ही फैला रहा है. पाकिस्तान के एक बड़े उर्दू अखबार 'उर्दू डेली' में आतंकी हाफिज सईद के आर्टिकल पब्लिश हो रहे हैं. पाकिस्तान में शायद ये एक बहस का मुद्दा तक नहीं होगा कि कैसे एक मीडिया हाउस दुनियाभर में प्रतिबंधित आतंकी को 'कॉन्ट्रिब्यूटर राइटर' बताकर उसके आर्टिकल पब्लिश करने में लगा है.
पाकिस्तान के उर्दू डेली ने आतंकी हाफिज सईद के जिस आर्टिकल को पब्लिश किया है, उसका टाइटल है- 'मशरिकी पाकिस्तान पर भारत की नाजायज़ दखल'. यानी हाफिज़ सईद यहां पहले के पूर्वी पाकिस्तान और अब के बांग्लादेश की बात कर रहा है. अपने आर्टिकल में हाफिज़ सईद ने लिखा हैं 'क्यों पाकिस्तान कश्मीरी लोगों की वकालत से बच रहा है.' इस आर्टिकल में एक फोटो भी है, जिसमें ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खड़ीं हैं और कुछ युवा अपने हाथों में बंदूक थामे दिख रहे हैं.
अपने आर्टिकल में हाफिज़ सईद ने जो लिखा है उसका लब्बोलुआब है कि कैसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को तोड़ने की साजिश रची. कैसे पाकिस्तानी शासक भारतीय सेना के सामने विफल रहे. बांग्लादेश के निर्माण में भी भारत की व्यापक भूमिका थी. साथ ही वो लेख में बता रहा है कि पाकिस्तान के लिए कश्मीर महत्वपूर्ण क्यों है.
करीब एक पेज के अपने आर्टिकल में हाफिज़ सईद ने इन तमाम मसलों पर अपनी खूंखार राय लिखी है. इतना ही नहीं, आर्टिकल में आग उगलते हुए उसने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीरी लोगों का समर्थन करना चाहिए.