महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. इस मॉब लिंचिंग पर पूरा देश हैरान है. साधुओं की हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर भी गुस्सा देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. मॉब लिंचिंग के पूरे मामले की जांच आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को कहा, 'हमला करने वाले और जिनकी इस हमले में जान गई- दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं. बेवजह समाज में धार्मिक विवाद निर्माण करने वालों पर पुलिस और महाराष्ट्र साइबर सेल को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नजर रखेगी.'
हमला करनेवाले और जिनकी इस हमले में जान गई - दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं।
बेवजह समाज में/ समाज माध्यमों द्वारा धार्मिक विवाद निर्माण करनेवालों पर पुलिस और @MahaCyber1 को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।#LawAndOrderAboveAll
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 19, 2020
पालघर मॉब लिंचिंग पर सरकार की ओर से कार्रवाई के बारे में बताते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'मुंबई से सूरत जाने वाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है. साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.'
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क्या है पूरा मामला
पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी. भीड़ ने जिस निर्मम तरीके से निहत्थे गेरुआधारी बुजुर्गों और उनके साथ जा रहे ड्राइवर की हत्या की वो पूरे देश को शर्मसार करने वाली है. भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के हैं.
दरअसल ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया. फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए. तीन लोगों की मॉब लिंचिग में पुलिस ने 101 लोगों को हिरासत में लिया है. मामले की जांच जारी है.
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मॉब लिंचिंग की जांच शुरू
इस पूरे मामले की जांच पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं और जानने की कोशिश कर रहे हैं कि स्थिति से निपटने में कोई चूक तो नहीं हुई है. दरअसल, गुरुवार को भी ऐसी घटना हुई थी. इस दौरान लोगों को बचाया गया था. इसके बाद पुलिस ने लोगों से बच्चा चोरी की अफवाहों पर भरोसा न करने की अपील की थी. साधुओं की मॉब लिंचिंग की पुलिस को भनक नहीं लगी.
दरअसल, जिस गांव में वारदात हुई, वह पालघर से करीब 110 किमी दूर है और दादरा नगर हवेली के रास्ते में पड़ता है. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि नाकाबंदी के कारण साधुओं ने हाइवे को छोड़ दिया और गांव के रास्ते जाने लगे. वह अंतिम संस्कार में शामिल होने गुजरात जा रहे थे.