हरियाणा पुलिस पलवल में छह लोगों की हत्या के आरोपी आर्मी के रिटायर्ड अफसर का बयान दर्ज नहीं कर पाई. आरोपी के दिल्ली के एक अस्पताल में सिर का ऑपरेशन करने के बाद उसे आईसीयू में भर्ती किया गया है. उधर, इस हत्याकांड के विरोध में पलवल में पीड़ितों के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने उचित मुआवजे और नौकरियों की मांग की है.
मृतक के परिजनों ने सरकारी अस्पताल के बाहर की सड़क शव रखकर जाम दी. इसके बाद में प्रशासन ने तीन-तीन लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. माना जाता है कि नरेश धनकड़ मानसिक रूप से बीमार है. उसे मंगलवार तड़के हत्याएं करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस के साथ झड़प में वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
पुलिस अधीक्षक सुलोचना गजराज ने बताया कि हम अब तक आरोपी का बयान दर्ज नहीं कर सके हैं, क्योंकि वह उस हालत में नहीं है. वह इस समय दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है. अस्पताल में उसका ऑपरेशन किया गया था. सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ करमचंद शर्मा ने बताया कि आरोपी के सिर में चोट लगी थी.
उसमें एपिड्यूरल हेमाटोमा ईडीएच पाया गया, जो मस्तिष्क की बाहरी झिल्ली और खोपड़ी के बीच का एक इंट्राक्रैनियल हेमरेज है. उसका ऑपरेशन किया और रक्त का थक्का हटा दिया. वह आईसीयू में है और सुबह उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया. उसकी हालत स्थिर है, लेकिन वह अब भी बेसुध है. इसी बीच पलवल में पीड़ितों की अंत्येष्टि की गई.
पलवल के विधायक करण सिंह दलाल ने पीड़ितों के परिवारों को मामूली मुआवजे की पेशकश करने के लिए सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि मुआवजा बहुत कम है. यह उन परिवारों का अपमान करने जैसा है, जिन्होंने अपनी आजीविका कमाने वाले सदस्य को खो दिया. पीड़ितों के परिजन को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए.
सीरियल किलर नरेश धनखड़ द्वारा लोहे की रॉड से पीट-पीटकर छह लोगों को मौत के घाट उतारने के मामले में पुलिस ने 11 नामजद सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. थाना शहर पुलिस ने पलवल जिले के गांव बूराका निवासी तस्लीम के बयान पर मामला दर्ज किया. हत्या को 34 घंटे हो गए हैं. पुलिस किसी और आरोपी को नहीं पकड़ पाई है.
एसपी सुलोचना गजराज ने बताया की तस्लीम ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि पिछले एक जनवरी की शाम चार बजे मिस्कीना को यहां ओल्ड जीटी रोड पर पलवल अस्पताल में दाखिल कराया गया था. रात 10 बजे तस्लीम का भाई हरीश, लुकमान, भाभी राबिया और रिहाना खून लेने के लिए चले गए. उसकी भाभी अंजुम बेंच पर लेटी हुई थी.
उसने बताया कि रात को करीब 2.37 पर तेज धमाके की आवाज आई. आवाज सुनकर वह पर गया तो अंजुम फर्श पर पड़ी हुई थी और उसके शरीर पर गहरी चोट लगी हुई थी. एक व्यक्ति लोहे की रॉड लेकर बाथरूम से आया और उसके पर हमला करने की कोशिश करने लगा. वह अस्पताल से भागने लगा. शोर मचाने पर अस्पताल के कर्मचारी जाग गए.
उन्होंने बताया कि तस्लीम के अनुसार वह अंजुम को छोड़कर हमलावर को पकड़ने के लिए उसके पीछे भागा लेकिन अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने मदद नहीं की. अधिक धुंध होने के कारण हमलावर फरार हो गया. पलवल अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से हमलावर ने अंजुम की हत्या की है. इसके बाद उसने छह लोगों को मौत की नींद सुला दिया.
तस्लीम ने कहा कि सुबह पता चला कि हमलावर ने अंजुम के अलावा मुंशीराम निवासी अलालपुर, सीताराम निवासी पातली गेट, सुभाष उर्फ शिवनाथ निवासी सिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश, खेमचन्द निवासी पंचवटी कालोनी, पलवल और एक अज्ञात व्यक्ति की भी हत्या की है. तस्लीम के बयान से यह साफ हो गया कि मुस्तैदी दिखाने पर हादसा रोका जा सकता था.
पुलिस ने पलवल के निजी अस्पताल के डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. प्रवीन्द्र सौरोत, डॉ. गोला, गार्ड बुध प्रकाश, मनीष कुमार, राहुल, मुकेश कुमार, स्टोर कीपर हरेन्द्र कुमार, श्याम सुन्दर, नीरज कुमार, सफाई कर्मचारी किशन, अस्पताल के प्रबन्धक और स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस की कई टीमें इस मामले की जांच के लिए लगी हुई हैं.
बताते चलें कि आर्मी के रिटायर्ड सिरफिरे अफसर ने पलवल में अस्पताल के अंदर एक महिला की हत्या के बाद वहां से फरार हो गया. उसके बाद रास्ते में उसे जो भी दिखा उसे मौत की नींद सुलाता गया. उसके हाथ में लोहे का रॉड था, जिससे उसने छह लोगों की हत्या कर दी. मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर भी उसने जानलेवा हमला कर दिया था.