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फर्जी वेबसाइट बनाई... फिर ओला स्कूटी की बुकिंग के बहाने 1000 लोगों से करोड़ों ठग लिए, 20 अरेस्ट

कुछ भी ऑनलाइन खरीदने से पहले आप सभी बहुत अलर्ट रहे हैं. साइबर ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. साइबर ठगों ने ओला की फर्जी वेबसाइट बनाकर उसकी इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने वाले 1000 लोगों से करोड़ों की ठगी कर ली. इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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दिल्ली की साइबर टीम ने चार राज्यों से आरोपियों को किया है अरेस्ट (सांकेतिक फोटो)
दिल्ली की साइबर टीम ने चार राज्यों से आरोपियों को किया है अरेस्ट (सांकेतिक फोटो)

ओला की इलेक्ट्रिक स्कूटी की बुकिंग के बहाने लोगों से साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ है. दरअसल ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी की बुकिंग केवल ऑनलाइन होती है. साइबर ठगों ने इसका फायदा उठाते हुए देशभर के 1000 लोगों के करोड़ो रुपये उठा दिए हैं. आउटर नॉर्थ जिले की साइबर सेल ने कई राज्यों में छापेमारी कर 20 आरोपियों को अरेस्ट करने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक 20 में से 2 आरोपी को कर्नाटक, 4 को तेलंगाना, 3 को झारखंड और 11 बिहार से अरेस्ट किए गए हैं.

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दरअसल, कंझावला निवासी गोपाल सिंह ने शिकायत की थी कि ओला इलेक्ट्रिक की बुकिंग के नाम पर उसके साथ 30998 रुपये की धोखाधड़ी हुई है. साइबर सेल के इंस्पेक्टर रमन सिंह की टीम जांच शुरू की तो टेक्निकल सर्विलांस के जरिए उन्हें आरोपियों की लोकेशन बेंगलुरु में मिली. इसके बाद सीडीआर, बैंक अकाउंट डिटेल और केवाईसी के जरिए सुराग जुटाया गया.

बीई तो कोई ओरापी वेब डिजाइनिंग में है डिप्लोमा

पुलिस ने बेंगलुरु पहुंचकर आरोपी वेब डिजाइनर टीवी वैंकटखाला को अरेस्ट कर लिया. आरोपी मैसूर से बीई का छात्र है. पुलिस को उसके पास से 2 लैपटॉप, एक स्मार्ट फोन और दो हार्ड डिस्क बरामद हुआ. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने एक और आरोपी नागेश को भी पकड़ लिया. नागेश ने ही ओला स्कूटी वेबसाइट की तरह दिखने वाली वेबसाइट को डिजाइन किया था. वह खुद वेबसाइट मैनेज करता था और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रमोशन ऐड करता था. नागेश ने ग्राफिक्स और वेब डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया है. 

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पुलिस ने ऐसे और ठगों को पकड़ा

पुलिस दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले आई. दोनों ने पूछताछ में मुख्य आरोपी के बारे में बताया. इसके बाद पुलिस ने सरगना और गैंग के दूसरे लोगों की धरपकड़ शुरू की. पुलिस ने आरोपी नागेश से मुख्य आरोपी को कॉल कराया कि वह किसी काम के लिए दिल्ली आया हुआ है. 

इसके बाद उसने नागेश को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के पास मिलने के लिए बुलाया. पुलिस की टीम बताए ठिकाने पर पहुंची और दो अरोपियों को धर दबोचा. इन दोनों ही पहचान बिहार के राकेश कुमार और सुशांत कुमार के रूप में हुई. जानकारी के पता चला कि सुशांत खुद को कुलदीप सिंह बताकर अकाउंट का इस्तेमाल करता था. 

सीडीआर रिकॉर्ड के अनुसार, वह और उसके सहयोगी अपने गांव पांची बिहार से काम करते पाए गए. इनकी निशानदेही पर बिहार से दो सगे भाई अमन उर्फ रॉकी और अनेश उर्फ गोलू को पकड़ा गया. इसके अलावा 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.

ऐसे करते थे लोगों के साथ ठगी

आउटर नॉर्थ के डीसीपी देवेश महला ने बताया कि आरोपी पहले तो पीड़ितों को रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन मोड से 499 रुपये का भुगतान करने के लिए कहते थे. इसके बाद उन्हें ट्रांसपोर्ट रजिस्ट्रेशन, बीमा व अन्य वजहों के लिए कॉल और टेक्स्ट मैसेज कर पैसे जमा करने के लिए कहा जाता था. पैसे मिलने के बाद ये डिलीवरी का समय बढ़ाकर लोगों को गुमराह करते थे.

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25 बैंक खातों को फ्रीज कराया गया

साइबर घोटाले के लिए https://www.electricalscooty.com/contact.php नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई, जो कि देखने से असली जैसी लगती है. पुलिस ने पूरी कार्रवाई के दौरान आरोपियों के पास से 38 एंड्रॉइड आईओएस फोन, 25 कीपैड फोन, 7 लैपटॉप, 2 हार्ड डिस्क, 2 स्मार्ट वॉच, एक डोंगल, 114 सिम कार्ड बरामद हुए. इसके अलावा पुलिस ने फ्रॉड के लिए इस्तेमाल हो 25 बैंक खाते और 4 वॉलेट को फ्रीज कर दिया है.

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