पिछले चार महीनों से फरार चल रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता और राम रहीम के राजदार डॉ. आदित्य इंसान को गिरफ्तार करने में नाकाम रही हरियाणा पुलिस को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने जांच कमेटी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्या वो मॉडर्न शक्तिमान है, जो अभी तक पकड़ से बाहर है.
पंचकूला पुलिस की एसआईटी में मोस्ट वांटेड सूची में शामिल डॉक्टर आदित्य इंसान 25 अगस्त से फरार है. उस पर पंचकूला के सेक्टर 5 में हिंसा भड़काने और देशद्रोह का मामला दर्ज है. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने पुलिस की कारगुजारी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उसकी साख और विश्वसनीयता दांव पर है.
उधर, इस मामले की सुनवाई कर रही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच ने हरियाणा सरकार द्वारा डेरा सच्चा सौदा को दी गई रियायतों पर भी सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा में भवन निर्माण में नियमों को ताक पर रखा गया है. कोर्ट ने इस मामले में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और स्थानीय निकाय विभाग के सचिवों से जवाब तलब किया है.
बलात्कारी बाबा राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद 25 अगस्त को डेरा समर्थकों ने पंचकूला में बड़े पैमाने पर जो तोड़फोड़, हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई थीं. उनकी प्लानिंग पहले से की गई थी. हनीप्रीत ने पहले डेरा मुख्यालय में एक मीटिंग बुलाई थी. इसमें बाबा के सभी राजदार और खास लोगों को भी बुलाया गया था.
इसमें तय किया गया था कि यदि बाबा को दोषी करार दिया जाता है तो सरकार पर दबाव बनाने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाएंगे. मीटिंग में तय किया कि यदि बाबा को दोषी करार दिया तो किसकी क्या ड्यूटी होगी और किस तरह से बाबा के श्रद्धालुओं को दंगे के लिए भड़काया जाएगा. हिंसा और दंगे करने के लिए 1.25 करोड़ रुपये दिए गए थे.
पंचकूला के हैफेड चौक पर आदित्य इंसा, सुरिंदर धीमान, पवन इंसा, गोबिंद और मोहिंदर ने समर्थकों के साथ 25 अगस्त को डेरा मुखी के मामले में फैसला आने से पहले ही इन दंगों, तोड़फोड़, हिंसा और आगजनी की तैयारी कर ली थी. हाईकोर्ट को बताया गया कि जांच के दौरान चमकौर सिंह ने 25 लाख बरामद हुए थे.