पठानकोट हमले की जांच के सिलसिले में एनआईए ने गुरदासपुर के तत्कालीन एसपी सलविंदर सिंह से गुरुवार को चौथे दिन भी पूछताछ की. इसके साथ ही एनआईए अफसरों ने सलविंदर के कुक और पंज पीर दरगाह के रखवाले से भी पूछताछ की है.
सलविंदर ने दावा किया था कि पठानकोट हमले में शामिल आतंकवादियों की ओर से अगवा किए जाने से पहले वह दरगाह गए थे. कहा जा रहा है कि वह बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं. आने वाले समय में एसपी, उनके दोस्त और कुक को एक साथ बैठाकर पूछताछ की जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, इसस पहले हुई पूछताछ में सलविंदर ने बताया था कि आतंकवादियों को ड्रग माफिया समझकर उनकी मदद की थी. उनको आतंकवादियों की पहचान नहीं थी. उन्हें लग रहा था कि आतंकवादी ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा हैं. इसलिए वह उन्हें सीमा पार करने में मदद करने के लिए गया था.
ड्रग तस्करी से हो सकता है संबंध
एनआईए ने गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह के सीडीआर से कई नंबरों की पहचान की है, जो ड्रग तस्करी से जुड़े हुए हैं. हालांकि, सलविंदर इन्हें मुखबिर बता रहे हैं, लेकिन एनआईए इस एंगल से जांच कर रही है कि ये नंबर ड्रग तस्करों के हैं. उस दिन वह वहां ड्रग तस्करों की घुसपैठ के लिए मौजूद थे.
शक के घेरे में हैं एसपी सलिवंदर
पठानकोट में हुए हमले के बाद से ही एसपी सलविंदर सिंह ने शक के घेरे में हैं. एसपी, उनके दोस्त और कुक के बयानों के बीच विरोधाभास है. सवाल ये भी है कि टैक्सी ड्राइवर की हत्या करने वाले आतंकियों ने उन्हें बिना गंभीर नुकसान पहुंचाए कैसे छोड़ दिया. वह बिना हथियार क्यों निकले थे.
एसपी ने खुद को बताया पीड़ित
इससे पहले एक बयान में एसपी ने कहा था कि वह खुद पीड़ित हैं, संदिग्ध नहीं. उनको गंभीर चोटें लगी थीं. पठानकोट के कोलिआं मोड़ पर अचानक आतंकी उनकी गाड़ी में घुस गए. उन्होंने अंदर की लाइट बंद करने के लिए कहा. उन्हें पीछे धकेल दिया. सभी आतंकियों के गन प्वाइंट पर थे.