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ISI के इशारे पर हिन्दू नेताओं को मारने आया था खालिस्तानी आतंकी, गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि पाकिस्तान में बैठा खालिस्तान समर्थक निहाल सिंह इस आतंकी के संपर्क में था और उसने उसे एक मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन खरीदने के लिए पैसा भी मुहैया करवाया था. पुलिस का दावा है कि शबनम दीप सिंह को हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग करने के लिए कहा गया था.

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फोटो- आज तक
फोटो- आज तक

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पंजाब की पटियाला पुलिस ने दिवाली के मौके पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर हमले और हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग की तैयारी कर रहे खालिस्तान गदर फोर्स के आतंकी शबनम दीप सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आतंकवादी आईएसआई के लिए भी काम कर रहा था. आतंकी के कब्जे से पुलिस ने एक पिस्टल, हैंड ग्रेनेड, एक मोटरसाइकिल और खालिस्तान गदर फोर्स के लेटर पैड बरामद किए गए हैं.

आतंकी शबनम दीप सिंह खुद को सिख फॉर जस्टिस का समर्थक बताता है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी जावेद वजीर खान के संपर्क में था. पुलिस को छकाने के लिए ये आतंकी कई नामों का इस्तेमाल करता था. शबनमदीप सिंह उर्फ मनिंदर लहरिया उर्फ शेरू उर्फ दीप उर्फ बिल्ला के नाम से जाने जाने वाला ये शख्स पंजाब के समाना के दफ्तरीवाला बरार गांव का रहने वाला है.

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शबनम दीप सिंह के खिलाफ राजस्थान में एक आपराधिक मामला दर्ज है और वह फिलहाल जमानत पर बाहर था. वह आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थक भी है. इस शख्स ने अपने फेसबुक पेज की डीपी में भिंडरावाले की तस्वीर लगा रखी थी, यहां इसने अपना नाम लाहोरिया जट्ट गिल रखा था.

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि शबनम दीप सिंह और दूसरे कई और खालिस्तान समर्थकों ने कुछ महीने पहले पंजाब में शराब के ठेकों और मजदूरों की झोपड़ियों में आग लगाई थी और उसके बाद उसका वीडियो बनाकर पाकिस्तान भेजा था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तान समर्थक निहाल सिंह उसके संपर्क में था और उसने उसे एक मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन खरीदने के लिए पैसा भी मुहैया करवाया था. पुलिस का दावा है कि शबनम दीप सिंह को हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग करने के लिए कहा गया था.

पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान समर्थक निहाल सिंह ने एक अन्य आतंकवादी सुखराज सिंह के जरिए यह काम शबनमदीप सिंह को  सौंपा था. इस काम के लिए इस आतंकवादी को 10 लाख रुपये मिलने थे. पुलिस के मुताबिक वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बातचीत करता था.

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