पुलिस ने कहा कि हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) से संबंधित कथित रूप से 4,335 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में उनसे पूछाताछ की जाएगी. इसके पहले, गुरुवार को मामले में पुलिस ने एचडीआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन को गिरफ्तार करते हुए उनकी 3,500 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया था.
पुलिस ने अदालत से कहा कि चूंकि वरयाम सिंह पीएमसी बैंक के चेयरमैन और साथ ही एचडीआईएल के कार्यकारी निदेशक भी रहे, इसलिए पुलिस अन्य आरोपियों के साथ बैठाकर उनसे आमने सामने पूछताछ करना चाहती है.
समर्पण का दावा
वरयाम सिंह के वकील वी. कृष्ण ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपनी मर्जी से आत्मसमर्पण किया है और गलत तरीके से प्रचारित कर यह बताया जा रहा है कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है. कृष्ण ने यह भी कहा कि वरयाम का बैंक में आए-दिन होने वाले कार्यो से कोई वास्ता नहीं था. इसे उसके पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस द्वारा प्रबंधित किया गया था और वह केवल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर रहे थे.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कृष्णा ने कहा, 'मेरे मुवक्किल केवल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते थे. स्वीकृत कर्जों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. सभी दस्तावेज ईओडब्ल्यू और आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक के पास हैं.'
दो हफ्ते पहले पीएमसी बैंक में सामने आई अनियमितताओं के बाद से 68 वर्षीय सिंह लापता थे. वह माहिम में छिपे थे और पुलिस ने पता लगाकर उन्हें पकड़ लिया.
शनिवार को अपनी गिरफ्तारी से पहले सिंह ने ईओडब्ल्यू के डीसीपी पराग मनेरे को एक हस्ताक्षरित पत्र भेजकर कहा कि उन्होंने शाम तक ईओडब्ल्यू के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है और वह सहयोग करने को तैयार हैं. हालांकि, उनके अंधेरी निवास के पास तैनात पुलिस टीम नजर बनाए हुए थी और सिंह का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
पीएमसी बैंक मामले में यह तीसरी मुख्य गिरफ्तारी हुई है. इससे पहले लापता चल रहे प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था.
मुंबई पुलिस की भांडुप शाखा में 2008 से 2019 के बीच बैंक को 4,335 करोड़ रुपये के कथित नुकसान के लिए पीएमसी बैंक और एचडीआईएल के खिलाफ पिछले सोमवार को दर्ज हुए मामले के बाद यह गिरफ्तारियां हुईं.
मुंबई पुलिस ने थॉमस, सिंह, दोनों वधावन और अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया.
क्या है मामला
गौरतलब है कि 24 सितंबर को आरबीआई ने बैंक को झटका देते हुए छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया. इसके चलते पीएमसी बैंक के नियमित कारोबार पर रोक लगा दी गई. इस फैसले के बाद जमाकर्ताओं में भारी दहशत फैल गई और त्योहारों के सीजन से पहले इसने बैंकिंग और कॉरपोरेट सर्किल को चौंका दिया. बैंक में कई हजार करोड़ रुपये के घपले की आशंका जताई जा रही है.
इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अलग से जांच शुरू की और एचडीआईएल के शीर्ष अधिकारियों की विभिन्न चल संपत्तियों को जब्त करने के अलावा मुंबई के छह अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की.